प्रचार से रोक हटते ही मायावती ने योगी के 'टेंपल रन' पर उठाए सवाल, बोली- कैसे होंगे निष्‍पक्ष चुनाव

डीएन ब्यूरो

चुनाव आयोग ने धार्मिक बयानबाजी के बाद मायावती और उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ पर प्रचार से रोक लगा दी थी। इस दौरान योगी लखनऊ से अयोध्‍या तक के कई मंदिरों में गए हालांकि इस दौरान उन्‍होंने एक भी चुनावी बयान न‍हीं दिया था।

फाइल फोटो
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लखनऊ: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण से पहले प्रचार के दौरान धार्मिक टिप्‍पणियों पर चुनाव आयोग ने शिकंजा कसा था। यह टिप्‍पणियां बसपा सुप्रीमो मायावती और योगी आदित्‍यनाथ ने एक दूसरे के जवाब में कहीं थी। जिसके बाद चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए मायावती पर 48 घंटे और मायावती पर 72 घंटे के लिए चुनावी प्रचार पर रोक लगा दी थी। 

रोक लगने के बाद मायावती ने तो कोई बयानबाजी की ना ही प्रचार का कोई दूसरा हथकंडा अपनाया। जबकि योगी आदित्‍यनाथ ने रोक होने पर रणनीतिक बदलाव के साथ मंदिरों में जाना शुरू कर दिया गया। पहले वह लखनऊ के बजरंग बली के मंदिर में गए, वहीं बीते दिन उन्‍होंने अयोध्‍या के मंदिरों में पूजा अर्चना की थी। 

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हालांकि दोनों जगहों पर उन्‍होंने मीडिया या किसी भी दूसरे माध्‍यम से कोई बयानबाजी नहीं की थी। जिससे रोक की शर्तों का सीधा-सीधा कोई उल्‍लंघन नहीं होता दिखता है। लेकिन उनके इस मंदिर जाने से मीडिया में चल रही खबरों से वह अपना संदेश लोगों तक पहुंचा दे रहे हैं। अब इसी बात पर मायावती ने सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग पर भी निशाना साधा है।

पाबंदी का खुला उल्लंघन

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मायावती ने आज रोक हटने के बाद उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के मंदिर मंदिर जाने पर सवाल उठाते हुए कहा है कि चुनाव आयोग की पाबंदी का खुला उल्लंघन करके उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ शहर-शहर व मन्दिरों में जाकर एवं दलित के घर बाहर का खाना खाने आदि का मीडिया में प्रसारित करवाके चुनावी लाभ लेने का गलत प्रयास लगातार कर रहे हैं किन्तु आयोग उनके प्रति मेहरबान है, क्यों?

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आगे उन्‍होंने कहा है अगर ऐसा ही भेदभाव व भाजपा नेताओं के प्रति चुनाव आयोग की अनदेखी व गलत मेहरबानी जारी रहेगी तो फिर इस चुनाव का स्वतंत्र व निष्पक्ष होना असंभव है।










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