महराजगंज: प्रसव के दौरान ए.एन.एम को गर्भवती महिला से पैसा न मिलने पर नहीं किया प्रसव, बच्चे की मौत

आज के दौर में डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है, लेकिन कुछ इस तरह के लोग अपने इस दर्जे और नाम को चन्द पैसो या किसी और कारणवश बेहद शर्मसार किये जा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जहां पैसा ना मिलने पर महिला स्वास्थ्य कर्मी ने प्रसव करने से मना कर दिया। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की खास खबर..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 20 June 2019, 12:43 PM IST
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महराजगंज: जिले में स्वास्थ्य कर्मी की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिसकी वजह से एक मां ने अपने मासूम बच्चे को खो दिया। आज के दौर में पैसों की फिरौती के मामलों में लोग इतने मदमस्त हो जाते हैं कि उन्हें किसी के जान की कोई फिकर ही नहीं रहती। एक ऐसा ही मामला महराजगंज जिले के अड्डा बाजार के नया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से आया है। जहां एक महिला प्रसव के लिए गई थी, लेकिन वहां डॉक्टरों ने ऐसी मांग कर दी की बच्चे की मौत हो गई।

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थाना-नौतनवा, अड्डा बाजार में के अड्डा बाजार के नया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक गर्भवती महिला अपने प्रसव के लिए गई थी। जो अड्डा बाजार के एक करीबी गांव हनुमनगढ़िया की रहने वाली है। प्रसव पीड़ा के बाद जब वह एम्बुलेंस से स्वास्थ्य केन्द्र पहुंची तो वहां की एएनएम शशिकला ने प्रसव के लिए आई पीड़ित हालात को पहले न देखते हुए दो हजार रुपए की मांग की। महिला ने प्रसव के हालात को देखते हुए परिवार वालो ने कहा कि पहले प्रसव शुरू किया जाए पैसे मिल जाएंगे। लेकिन अपने जिद पर पक्की शशिकला ने कहा, पहले पैसे फिर प्रसव,और उसने इसी तरह हठ करते-करते देर कर दी। पीड़ित गर्भवती महिला का प्रसव नहीं किया।

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महिला के पति ने हालात को समझते हुए वहां से लेकर तुरंत एक प्राइवेट हॉस्पिटल में ले गया। वहां डॉक्टरों ने हालात देखते हुए महराजगंज रेफर किया वहां भी डॉक्टरों को प्रसव करने में अंकुश दिखा। वहां से भी उसे गोरखपुर मेडिकल रेफर किया लेकिन वहां जाते जाते काफी देर हो चुकी थी। जिसकी वजह से वहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। आप को बताते चलें कि गर्भवती महिला को दस सालों के बाद एक पुत्र के आने की उम्मीद जगी थी, लेकिन एएनएम ने चंद पैसों के लिए लाचार महिला का प्रसव नहीं किया और बच्चे की गर्भपात के दौरान ही मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार उसके पति ने स्वास्थ्य विभाग पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई थी और सीएमओ को भी इस मामले से अवगत कराया। पति ने बताया कि मेरे पास स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एक फोन आया था जिसमे मुझसे पूछा गया कि आप अपने पत्नी के प्रसव के कार्य प्रणाली से संतुष्ट हैं तो मैंने जवाब में "नहीं" बोला लेकिन उन्होंने मिलीभगत से मेरे जवाब को "हाँ"में तब्दील कर मामले का दमन कर दिया।

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