पश्चिमी गंडक नहर ध्वस्त, कुशीनगर-महराजगंज का संपर्क टूटा, खेत और फसलें जलमग्न, ग्रामीण संकट में

 उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में महराजगंज जनपद व नेपाल से जोड़ने वाली मुख्य पश्चिमी बड़ी गण्डक नहर की पटरी रिसाव के कारण तकरीबन 250 मीटर धंस गयी है। नहर की पटरी टूटने से ग्रामीणों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

Updated : 2 November 2020, 10:33 AM IST
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कुशीनगर: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में महराजगंज जनपद व नेपाल से जोड़ने वाली मुख्य पश्चिमी बड़ी गण्डक नहर की पटरी रिसाव के कारण तकरीबन 250 मीटर धंस गयी है। बताया जा रहा है कि शनिवार की रात खड्डा क्षेत्र के गैनही जंगल के समीप पहले यह पटरी 100 मीटर धंसी। जिसकी वजह से यहां के आसपास का खेत जलमग्न हो गया। यह सिलसिला रविवार को भी जारी रहा और अभी तक करीब 250 मीटर तक नहर की पटरी धंस चुकी है।

नहर की पटरी टूटने से किसानों की फसलें जलमग्न 

नहर की पटरी ध्वस्त होने की वजह से किसानों की समस्या और बढ़ गई है। किसानों के बीघे के बीघे फसल पानी से लबालब हो गये हैं। वहीं पटरी धंस जाने से खड्डा क्षेत्र के दो दर्जन गांवों के लोगों समेत राहागीरों को भी स़ड़क पर आवागमन करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

सिंचाई विभाग के अधिकारी शीघ्र पटरी मरम्मत कराने की बात कही

नहर की पटरी ध्वस्त होने की सूचना पर सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को शीघ्र पटरी मरम्मत कराने का की बात कही। ग्रामीणों का कहना है कि इस रास्ते से भारी वाहनों के गुजरने की वजह से यह पटरी सड़क धंस गयी है। पटरी धंसने से यहां के लोगों को दूसरे रास्ते से जाना पड़ता है जिसकी वजह से उन्हें अधिक दूरी तय करनी पड़ती है।  ग्रामीणों ने बताया कि डेढ साल पहले भी इसी जगह पटरी 80 मीटर टूट गई थी, जिसकी वजह से भी यहां के लोगों को काफी समस्या झेलनी पड़ी थी।

Published : 
  • 2 November 2020, 10:33 AM IST

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