पाकिस्तानी जासूस को गुप्त सूचनाएं देने के आरोप में गिरफ्तार कुरुलकर आरएसएस का सदस्य था,कांग्रेस
कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि एक पाकिस्तानी एजेंट को गोपनीय सूचना देने के आरोप में गिरफ्तार रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) से जुड़ा वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आएसएस) का सक्रिय सदस्य और पदाधिकारी रह चुका है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि एक पाकिस्तानी एजेंट को गोपनीय सूचना देने के आरोप में गिरफ्तार रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) से जुड़ा वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आएसएस) का सक्रिय सदस्य और पदाधिकारी रह चुका है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस विषय पर जवाब देना चाहिए क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा विषय है।
कांग्रेस के इस आरोप पर फिलहाल आरएसएस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने एक पाकिस्तानी एजेंट को गोपनीय जानकारी देने के आरोप में पिछले सप्ताह कुरुलकर को पुणे से गिरफ्तार किया था। उस समय एटीएस एक अधिकारी ने कहा था वैज्ञानिक कथित तौर पर व्हाटसऐप और वीडियो कॉल के जरिए ‘‘पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव’’ के संपर्क में था।
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खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आरएसएस के सक्रिय स्वयंसेवक की गिरफ्तारी बहुत गंभीर विषय है। इससे भाजपा और आरएसएस का देश-विरोधी चेहरा बेनक़ाब होता है। ये मामला आरएसएस जुड़े एक व्यक्ति का हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा से सीधा खिलवाड़ करने से जुड़ा है और एक बार फिर दिखाता है कि संघ का तथाकथित राष्ट्रवाद कितना झूठा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई राजनीति का विषय नहीं है, यह राष्ट्र की सुरक्षा का विषय है। देश को समझना होगा कि कौन देशद्रोही है और कौन देशभक्त।’’
खेड़ा ने कुछ वीडियो और तस्वीरें भी जारी कीं और दावा किया कि कुरुलकर आरएसएस के अनुषांगिक संगठन ‘संस्कार भारती’ में संगठन मंत्री रह चुका है।
उन्होंने कहा, ‘‘देशद्रोही प्रदीप कुरुलकर के आरएसएस के घनिष्ठ संबंध हैं। कुरुलकर का आरएसएस के साथ संबंध पीढ़ियों से चला आ रहा है, जैसा कि उसने पिछले साल एक यूट्यूब चैनल के साथ एक साक्षात्कार में खुलासा किया था। उसके दादा आरएसएस के स्वयंसेवक थे, जिन्होंने गणितज्ञ के रूप में काम किया था और उसके पिता ने उनके काम को आगे बढ़ाया।’’
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खेड़ा के मुताबिक, कुरुलकर के खिलाफ सरकारी गोपनीयता कानून, 1923 की धारा 1923 व अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है...ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान हमारी सुरक्षा व सैन्य महकमे में जासूसी के आरोप में कुछ लोग जांच के घेरे में आएं हैं। 2020 में भारतीय नौसेना के सूत्रों ने कहा कि मोहपाश में फंसाने संबंधित जासूसी मामले में अब तक 13 कर्मियों को पकड़ा गया है।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को यह जवाब देना चाहिए कि पाकिस्तान के लिये जासूसी और देशद्रोही के मामले में गिरफ़्तार प्रदीप कुरुलकर और आरएसएस का क्या रिश्ता है? क्या वह पाकिस्तान के आपनी जासूसी के लिए विदेश गया था? ये कौन सी ‘टूलकिट’ का हिस्सा है?’’