CDS Bipin Rawat Helicopter Crash: जानिये UP के लाल ग्रुप कैप्‍टन वरुण सिंह की ताजा स्थिति, वैलिंगटन में दवा और देवरिया में दुआओं का दौर, DM-SP पहुंचे घर पर

डीएन ब्यूरो

कुन्‍नूर हेलीकाप्‍टर हादसे सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत अन्‍य 13 लोगों का असमय निधन हो गया लेकिन यूपी का लाल ग्रुप कैप्‍टन वरुण सिंह इस हादसे में अकेले जिंदा बच गये। वैलिंगटन के अस्‍पताल में उनका इलाज जारी है इधर यूपी में उनके लिये दुआएं मांगी जा रही है। पढ़िये पूरी रिपोर्ट



देवरिया/लखनऊ: तमिलनाडु के कुन्‍नूर में भारतीय सेना के हेलीकाप्‍टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सैन्य अधिकारियों समेत 13 लोगों के असमय निधन पर पूरा देश शोक में डूबा हुआ है। इस हादसे में केवल ग्रुप कैप्‍टन वरुण सिंह ही चमत्कारिक तरीके से अकेले जिंदा बचे हैं। वे वैलिंगटन अस्‍पताल में लाइफ सपोर्ट सिस्‍टम पर हैं और उनका इलाज जारी है। वे मूल रूप से यूपी के देवरिया जनपद के रहने वाले है। ग्रुप कैप्‍टन वरुण सिंह की सलामती और उनके जल्द स्वस्थ होने के लिये उनके देवरिया स्थित पैतृक गांव में भी दुआओं का दौर जारी है। 

देवरिया के अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) पंकज कुंअर ने डाइनामाइट न्यूज़ से खास बातचीत में कहा कि “ग्रुप कैप्‍टन वरुण सिंह इस समय वैलिंगटन के अस्‍पताल में आईसीयू में भर्ती हैं। देवरिया के जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान और अन्य प्रशासनिक अधिकारी उनके घर पर पहुंचे हैं। देवरिया के डीएम, एसपी, यहां मौजूद एनसीसी की 249 बटालियन और देवरिया की पूरी जनता मिलकर ईश्वर से उनकी सलामती की प्रार्थना कर रही है, वे जल्द स्वस्थ हों और हमारे बीच आएं”।

ग्रुप कैप्‍टन वरुण सिंह की सलामती के लिये देवरियां में प्रार्थनाएं

देवरिया जिले के रूद्रपुर तहसील  के ग्राम खोरमा कन्हौली निवासी कैप्‍टन वरुण सिंह के हादसे में घायल होने की खबर के बाद उनके गांव में परिजनों व ग्रामीणों द्वारा उनकी सलामती के लिये ईश्वर से प्रार्थना की जा रही है। बेहद अनुभवी पायलटों में शुमार ग्रुप कैप्‍टन वरुण सिंह को शौर्य चक्र से नवाजा जा चुका है। यह शांति के समय में दिया जाने वाला सबसे बड़ा पदक है। 

ग्रुप कैप्‍टन वरुण सिंह को एलसीए पर तेजस की उड़ान के दौरान सामने आई आपात स्थिति में खुद को सावधानी से सकुशल बचाने के लिए शौर्य सम्मान दिया गया था। वे 12 अक्‍टूबर 2020 को तेजस की उड़ान पर थे। इस विमान को वो अकेले उड़ा रहे थे। तभी इस विमान में तकनीकी दिक्‍कत आ गई। विमान के फ्लाइट कंट्रोल सिस्‍टम में आई गड़बड़ी आ गई और विमान का लाइफ सपोर्ट सिस्‍टम भी फेल होने लगा था। उस वक्‍त वो अपने एयरबेस से काफी दूर थे और उनकी ऊंचाई भी काफी अधिक थी। काकपिट का प्रेशर सिस्‍टम खराब आने से लगातार हालात खराब हो रहे थे। उन्‍होंने बिना देर लगाए न सिर्फ स्थिति को संभाला और सही फैसला भी लिया। उन्होंने अपने तेजस फाइटर को मिड-एयर इमरजेंसी के बावजूद 10 हजार फीट की ऊंचाई से सुरक्षित उतारा था।

यूपी के लाल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का सेना से काफी पुराना रिश्ता है। वे एक सैन्य पारिवारिक पृष्ठभूमि से आते हैं। कैप्टन वरुण सिंह उनके पिता और भाई भी सशस्त्र बलों सेवाओं में रहे हैं। जहां कैप्टन वरुण सिंह भारतीय वायु सेना (IAF) में कार्यरत हैं वहीं उनके पिता केपी सिंह बतौर  कर्नल रहकर भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए। वे आर्मी एयर डिफेंस (AAD) की रेजिमेंट में सेना के जवान थे।  कर्नल केपी सिंह के बेटे और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के छोटे भाई, लेफ्टिनेंट कमांडर तनुज सिंह भारतीय नौसेना में एक अधिकारी हैं।

दूसरी तरफ तमिलनाडु सरकार ने कोयंबटूर के एक अस्पताल में ग्रुप कैप्टन के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था की है, अगर वायु सेना फैसला करती है तो वह उन्हें बेहतर इलाज के लिये वहां ले जा सकती है। 










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