Kolkata: प. बंगाल के सिनेमाघरों में उमड़ रही है भीड़

डीएन ब्यूरो

कोरोना महामारी में लगभग तीन साल का समय गुजरने के बाद पश्चिम बंगाल के सिनेमाघरों में अब फिर से दर्शक जुटने लगे हैं। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि क्रिसमस के दौरान यहां रिलीज हुई दो बांग्ला फिल्मों की टिकट लगातार बिक रही हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

प. बंगाल के सिनेमाघरों में उमड़ रही है भीड़
प. बंगाल के सिनेमाघरों में उमड़ रही है भीड़


कोलकाता: कोरोना महामारी में लगभग तीन साल का समय गुजरने के बाद पश्चिम बंगाल के सिनेमाघरों में अब फिर से दर्शक जुटने लगे हैं। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि क्रिसमस के दौरान यहां रिलीज हुई दो बांग्ला फिल्मों की टिकट लगातार बिक रही हैं।

हाल ही में यहां सुमन घोष द्वारा निर्देशित ‘काबुलीवाला’ और अतनु रॉय चौधरी द्वारा निर्मित ‘प्रधान’ रिलीज हुईं।

 डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता घोष की ‘काबुलीवाला’ रवीन्द्रनाथ टैगोर की इसी नाम की लघु कहानी का रूपांतरण है।

फिल्म निर्माण कंपनी के एक सूत्र के मुताबिक, फिल्म ने रिलीज के बाद से अब तक एक करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर ली है और वर्तमान में यह पश्चिम बंगाल के 66 सिनेमाघरों में चल रही है। इसमें सिंगल स्क्रीन और मल्टीप्लेक्स दोनों शामिल हैं। फिल्म 22 दिसंबर को रिलीज हुई थी।

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अतनु रॉय चौधरी की 'प्रधान' 111 सिनेमाघरों में रिलीज हुई। फिल्म के पहले सप्ताह की कमाई के आंकड़ों ने क्रिसमस के दौरान रिलीज हुई बांग्ला फिल्मों के पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।

यह फिल्म बांग्ला फिल्मों के मशहूर अभिनेता देव द्वारा अभिनीत और सह-निर्मित है।

चौधरी ने फिल्म के प्रदर्शन पर संतुष्टि व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनकी उम्मीदों से कहीं अधिक है। कई थिएटरों में शो के सभी टिकट बिक गए हैं, जबकि अधिकतर सिनेमाघरों में दर्शकों की संख्या 60 फीसदी से अधिक रही है।

पीवीआर आईनॉक्स साउथ सिटी जैसे कुछ मल्टीप्लेक्स दिन में पांच बार फिल्म दिखा रहे हैं, जबकि अन्य इसे कम से कम तीन बार दिखा रहे हैं।

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वर्ष 2020-2021 में महामारी के दौरान सिनेमाघरों के 50 फीसदी क्षमता पर चलने के कारण दर्शकों की संख्या काफी कम रही और लोगों का रुझान ‘ओवर द टॉप’ (ओटीटी) मंच की ओर ज्यादा रहा। हालांकि, वर्ष 2022 में तीन बांग्ला फिल्मों के रिलीज के बाद स्थिति बदलनी शुरू हुई।

 










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