जानिये जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए आखिर भारत क्या काम रहा है, पढ़ें ये रिपोर्ट

डीएन ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत ने अपनी नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि भारत हरित विकास और ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तन की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास कर रहा है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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पणजी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत ने अपनी नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि भारत हरित विकास और ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तन की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास कर रहा है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि देश मजबूती के साथ अपनी जलवायु प्राथमिकताओं को पूरा करने की दिशा में बढ़ रहा है।

गोवा में जी-20 देशों के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि देश की योजना 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोत से 50 प्रतिशत बिजली पैदा करने की क्षमता हासिल करना है।

प्रधानमंत्री ने ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अंतर देशीय ग्रिड और एक दूसरे से संपर्क की जरूरत पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत हरित विकास और ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तन की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास कर रहा है। भारत सबसे अधिक आबादी वाला देश और सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है। फिर भी हम अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमने गैर-जीवाश्म आधारित विद्युत क्षमता लक्ष्य नौ साल पहले ही हासिल कर लिया। हमने बड़ा लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। हमारी योजना 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोत से 50 प्रतिशत बिजली पैदा करने की क्षमता हासिल करना है।’’

उन्होंने कहा कि दुनिया उन्नत, टिकाऊ, किफायती, समावेशी और स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के लिए जी20 देशों की तरफ देख रही है।

मोदी ने कहा, ‘‘ऐसा करते समय, यह महत्वपूर्ण है कि ‘ग्लोबल साउथ’ (दक्षिणी गोलार्ध के विकासशील देश) में हमारे भाई-बहन पीछे न रहें। हमें विकासशील देशों के लिए कम लागत वाली वित्तीय सहायता सुनिश्चित करनी चाहिए।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, “हमें प्रौद्योगिकी के अंतर को पाटने के तरीके खोजने चाहिए, ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देना चाहिए और आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने पर काम करना चाहिए।” उन्होंने भविष्य में ईंधन के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया।

उन्होंने रेखांकित किया कि अंतर देशीय ग्रिड और एक दूसरे देशों से बिजली के कनेक्शन से ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी।

मोदी ने कहा, ‘‘हम इस क्षेत्र में अपने पड़ोसी देशों के साथ आपसी लाभ के सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं और हम इसके उत्साहजनक नतीजे देख रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक दूसरे देशों से जुड़े हरित ग्रिड के दृष्टिकोण को साकार करना परिवर्तनकारी हो सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ यह हमें जलवायु लक्ष्य को हासिल करने, हरित निवेश को गति देने और लाखों हरित रोजगार पैदा करने में समक्ष बनाएगा।’’

जी-20 के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सतत विकास के भविष्य और उन्नति की बातें ऊर्जा के बिना पूर्ण नहीं हो सकती हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इससे हर स्तर पर विकास का प्रभाव होगा चाहे व्यक्ति हो या देश। हमारी अलग-अलग जमीनी सच्चाई है, ऊर्जा परिवर्तन के हमारे रास्ते अलग-अलग हैं लेकिन मेरा भरोसा है कि हमारा लक्ष्य एक हैं।’’

मोदी ने कहा कि भारत में 19 करोड़ परिवारों को गत नौ साल में एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने सभी गांवों तक बिजली पहुंचाकर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। हम पाइप से खाना पकाने का गैस उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहे हैं। इसमें अगले कुछ सालों में देश की 90 प्रतिशत आबादी को सुविधा पहुंचाने की क्षमता है।’’

उन्होंने कहा कि देश सभी के लिए समावेशी, लचीला, समानता युक्त और सतत ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए प्रयास कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ छोटे कदम से बड़े नतीजे आते हैं। वर्ष 2015 में एलईडी बल्ब इस्तेमाल करने की योजना की शुरुआत की थी। यह दुनिया का सबसे बड़ा एलईडी बल्ब वितरण कार्यक्रम बन गया और इससे हर साल 45 अरब यूनिट बिजली की बचत होती है।’’

उन्होंने रेखांकित किया कि भारत ने कृषि के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप स्थापित करने की दुनिया की सबसे बड़ी योजना शुरू की है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार बढ़कर वर्ष 2030 तक सालाना 10 करोड़ बिक्री तक पहुंचने का अनुमान है।

मोदी ने मौजूद प्रतिनिधियों को सूचित किया कि भारत इस साल से 20 प्रतिशत एथनॉल मिले पेट्रोल की बिक्री शुरू करेगा और वर्ष 2025 तक यह पूरे देश में मिलने लगेगा।

मोदी ने कहा, ‘‘ भारत में कार्बन उत्सर्जन कम करने की वजह से हम वैकल्पिक ऊर्जा के लिए हरित हाइड्रोजन पर मिशन स्तर पर काम कर रहे हैं। इसका उद्देश्य भारत को हाइड्रोजन का वैश्विक केंद्र बनाना और इसका निर्यात करना है।’’

प्रधानमंत्री ने हरित ग्रिड पहल ‘एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड’ से जुड़ने की अपील की।










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