भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी को लेकर जानिये क्या बोले केंद्रीय मंत्री पुरी
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक ऊर्जा बाजार में अस्थिरता के बावजूद भारत ने पेट्रोलियम उत्पादों की ‘किफायती कीमत’ को बरकरार रखा और पड़ोसी देशों तथा कई बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के मुकाबले पिछले दो वर्ष में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी की गई। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक ऊर्जा बाजार में अस्थिरता के बावजूद भारत ने पेट्रोलियम उत्पादों की ‘किफायती कीमत’ को बरकरार रखा और पड़ोसी देशों तथा कई बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के मुकाबले पिछले दो वर्ष में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी की गई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने कुछ संवाददाताओं के साथ बातचीत में तेल की कीमतों को लेकर सरकार की आलोचना करने पर विपक्ष को आड़े हाथ लिया और कहा कि विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में भाजपा शासित राज्यों के मुकाबले पेट्रोल और डीजल की कीमत अधिक है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में पेट्रोलियम उत्पादों पर मूल्यवर्धित कर (वैट) में कमी की गई है ताकि कीमत को नीचे लाया जा सके।
मंत्री ने यह भी कहा कि भारत अपनी तेल शोधन क्षमताओं का विस्तार करने की प्रक्रिया में है। पुरी ने व्यापार और विदेश नीति के क्षेत्र में मोदी सरकार की सफलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत पहले से ही दुनिया का चौथा सबसे बड़ा तेलशोधन केंद्र है, लेकिन केंद्र सरकार इसे अब दूसरा सबसे बड़ा रिफाइनिंग केंद्र बनने जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी का शासन हमारी विदेश नीति, व्यापार नीति, ऊर्जा नीति को बदल रहा है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार पेट्रोलियम की कीमतों में कटौती करने की योजना बना रही है क्योंकि वह एक साल से अधिक समय से रूस से रियायती दर पर कच्चा तेल खरीद रही है, पुरी ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया और कहा कि छूट अभी उतनी नहीं है।
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इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे सरकार देश की तेलशोधन क्षमता को बढ़ाने के अलावा तेल की कीमतों को किफायती दायरे में रखने में कामयाब रही।
उन्होंने कहा कि ऊर्जा बाजार में सबसे अस्थिर अवधि के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क को दो बार कम करके ईंधन की ‘उपलब्धता, किफायती कीमत और स्थिरता’ को सुनिश्चित किया।
पुरी ने कहा कि जून 2021 और जून 2023 के बीच भारत में पेट्रोल की कीमतों में 2.36 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि इस अवधि के दौरान पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल में क्रमश: 50.83 प्रतिशत, 30.11 प्रतिशत, 79.61 प्रतिशत और 42.39 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के आंकड़ों का हवाला देते हुए पुरी ने कहा कि इस अवधि के दौरान अमेरिका में पेट्रोल की कीमतों में 30.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, ब्रिटेन और कनाडा में क्रमश: 22.67 प्रतिशत, 19.08 प्रतिशत, 14.68 प्रतिशत, 17 प्रतिशत, 10.93 प्रतिशत और 24.17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
तेल की कीमतों को लेकर सरकार की विपक्ष की आलोचना पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जुलाई में गुवाहाटी में प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत 98.03 रुपये (भाजपा शासित राज्य) थी, जबकि कोलकाता में कीमत 106.03 रुपये (तृणमूल कांग्रेस शासित राज्य) थी। उन्होंने कहा कि जुलाई में लखनऊ में प्रति लीटर पेट्रोल की कीमत 96.57 रुपये थी, जबकि बेंगलुरु में यह 101.94 रुपये थी।
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यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार रूस से रियायती दरों पर कच्चे तेल की खरीद का लाभ आगे बढ़ाने की योजना बना रही है। इस पर पुरी ने कहा कि शुरुआत में अच्छी छूट थी, लेकिन अब दरें बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआत में अच्छी छूट थी पर उन्होंने कीमतें बढ़ानी शुरू कर दीं...अब छूट उतनी नहीं है।’’
पुरी ने कहा कि भारत अपनी रिफाइनिंग क्षमता को बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि देश की रिफाइनिंग क्षमता अभी सालाना करीब 30 करोड़ टन है और सरकार इसे बढ़ाकर सालाना 40 करोड़ टन करने पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वर्ष 2023 में 3.75 ट्रिलियन के आंकड़े को पार कर जाएगा। उन्होंने विश्व बैंक के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि वर्ष 2014 में भारत की जीडीपी 2.04 ट्रिलियन थी।
उन्होंने नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि वर्ष 2015-16 से वर्ष 2019-21 के बीच 13.5 करोड़ लोग ‘बहुआयामी गरीबी’ से बाहर आये।