जानिये दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में क्या बोले केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, पढ़ें कुछ खास बातें

डीएन ब्यूरो

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) नाम से दिल्ली जुड़ता है लेकिन यह सिर्फ दिल्ली का ही नहीं बल्कि पूरे देश का और हर नागरिक का विश्वविद्यालय है तथा इसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान


नयी दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) नाम से दिल्ली जुड़ता है लेकिन यह सिर्फ दिल्ली का ही नहीं बल्कि पूरे देश का और हर नागरिक का विश्वविद्यालय है तथा इसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय के शताब्‍दी समारोह समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान ने कहा कि देश में आपातकाल लागू होने के बाद जब नागरिकों के मौलिक अधिकार छीन लिये गए थे, तब सबसे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय ने इसके खिलाफ आवाज उठायी थी।

प्रधान ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने देश की आजादी की लड़ाई देखी, यहां शहीद भगत सिंह आए और आजादी की लड़ाई लड़ते-लड़ते चंद्रशेखर आजाद ने भी इसमें कदम रखा था।

शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ दिल्ली विश्वविद्यालय नाम से ही दिल्ली से जुड़ता है। यह दिल्ली का ही नहीं है, बल्कि यह पूरे देश का विश्वविद्यालय है, यह देश के हर एक नागरिक का विश्वविद्यालय है।’’

उन्होंने कहा ‘‘आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर हम अमृत महोत्सव मना रहे हैं लेकिन 1973-74 में जब भारत के संविधान पर संकट आया था और उसके बाद आपातकाल लागू होने पर नागरिकों के मौलिक अधिकार छीन लिये गए थे तब इसके खिलाफ किसी ने आवाज उठायी थी..तो वह दिल्ली विश्वविद्यालय ही था। ’’

प्रधान ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने देश के दूसरे स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई लड़ी है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले 75 से 100 वर्षो में दिल्ली विश्वविद्यालय ने देश को अनेकों वैज्ञानिक दिये, लोक नीति निर्माता दिये, उद्योग जगत से जुड़ी हस्तियां दीं, कला एवं सहित्य जगत से जुड़े लोग दिये, न्यायविद दिये। उन्होंने कहा कि संस्थान जब अपने 100 साल पूरे कर रहा है जब चुनौतियां और जिम्मेदारियां बढ़ गई है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदृष्टि से 34 साल बाद देश को नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति मिली और इसके अनुपालन को भी तीन साल हो गए हैं।

प्रधान ने कहा कि पिछले तीन वर्षो में दिल्ली विश्वविद्यालय ने एक भी क्षण गंवाये बिना राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने पर काम किया। उन्होंने कहा कि इसका परिणाम है कि आज डीयू क्यूएस रैंकिग में देश के शीर्ष संस्थाओं में शामिल है।

इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने इस वर्ष करीब 2,200 शिक्षकों की भर्ती की जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के कारण संभव हुआ।










संबंधित समाचार