देश में दोषियों को मृत्युदंड देने के तरीकों को लेकर जानिये ये बड़ा अपडेट, सुप्रीम कोर्ट से आया ये बड़ा अपडेट

अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने देश में मृत्युदंड पाने वाले दोषियों को फांसी पर लटकाकर सजा देने के मौजूदा तरीके की समीक्षा के लिए एक समिति गठित करने को लेकर केंद्र को पत्र लिखा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 25 July 2023, 6:41 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने देश में मृत्युदंड पाने वाले दोषियों को फांसी पर लटकाकर सजा देने के मौजूदा तरीके की समीक्षा के लिए एक समिति गठित करने को लेकर केंद्र को पत्र लिखा है। उच्चतम न्यायालय को मंगलवार को यह जानकारी दी गई।

केंद्र की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सोनिया माथुर ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ को बताया कि अटॉर्नी जनरल ने समिति के गठन के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखा है और इस मुद्दे पर अदालत में उससे अपने सुझाव पेश करने का अनुरोध किया है।

माथुर ने कहा कि शीर्ष विधि अधिकारी उपलब्ध नहीं हैं, वह यात्रा पर हैं इसलिए सुनवाई को स्थगित किया जा सकता है।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इसे दो सप्ताह बाद शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध कीजिए।’’

इससे पहले, केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा था कि वह मृत्युदंड पाने वाले दोषियों को फांसी पर लटकाकर सजा देने के मौजूदा तरीके की समीक्षा के लिए एक समिति गठित करने पर विचार कर रहा है।

अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि प्रस्तावित समिति के लिए नाम तय करने से जुड़ी प्रक्रिया जारी है और वह कुछ समय बाद ही इस पर जवाब दे पाएंगे।

पीठ ने कहा था, ‘‘अटॉर्नी जनरल ने कहा कि एक समिति गठित करने की प्रक्रिया पर विचार किया जा रहा है। इसे देखते हुए हम गर्मी की छुट्टियों के बाद मामले की सुनवाई के लिए तारीख तय करेंगे।’’

उच्चतम न्यायालय ने 21 मार्च को कहा था कि वह इस बात की जांच करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने पर विचार कर सकता है कि क्या मौत की सजा पर अमल के लिए फांसी की सजा आनुपातिक और कम दर्दनाक है।

न्यायालय ने मृत्युदंड के तरीके से जुड़े मुद्दों पर ‘बेहतर डेटा’ उपलब्ध कराने का भी केंद्र को निर्देश दिया था।

वकील ऋषि मल्होत्रा ने 2017 में एक जनहित याचिका दायर कर मृत्युदंड के लिए फांसी पर लटकाने के मौजूदा तरीके को समाप्त करने का अनुरोध किया है। उन्होंने इसके बजाय ‘‘जानलेवा इंजेक्शन लगाने, गोली मारने, करंट लगाने या गैस चैंबर में भेजने’’ जैसे कम दर्दनाक तरीकों का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया है।

Published : 

No related posts found.