Explosion in Factory: बंगाल की अवैध पटाखा फैक्टरी में जानिये कैसे हुआ भीषण विस्फोट, आठ लोगों की मौत, कई घायल

डीएन ब्यूरो

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में रविवार सुबह एक अवैध पटाखा फैक्टरी में हुए विस्फोट में आठ लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।  पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

राहत और बाचव में जुटे लोग
राहत और बाचव में जुटे लोग


बारासात: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में रविवार सुबह एक अवैध पटाखा फैक्टरी में हुए विस्फोट में आठ लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। 

पुलिस ने बताया कि विस्फोट उस समय हुआ, जब कोलकाता के लगभग 30 किलोमीटर उत्तर में स्थित दत्तापुकुर पुलिस थाना क्षेत्र में नीलगंज के मोशपोल इलाके की पटाखा फैक्टरी में कई लोग काम कर रहे थे।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि विस्फोट का प्रभाव इतना जोरदार था कि पड़ोस के 50 से अधिक मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गये और कई इमारतों की छतों पर लोगों के शरीर के क्षत-विक्षत अंग पाये गये। उन्होंने बताया कि उन्हें संदेह है कि कई लोग अब भी मलबे में फंसे हुए हैं।

पुलिस ने बताया कि फैक्टरी मालिक का बेटा भी विस्फोट में मारा गया।

अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि मामले की जांच जारी है और जो भी दोषी पाया जायेगा, उसे दंडित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल बचाव अभियान चलाया जा रहा है।

उत्तर बंगाल की तीन-दिवसीय यात्रा के बाद राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस कोलकाता हवाई अड्डे से दत्तापुकुर पहुंचे। उन्होंने कहा कि वह बारासात मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इलाज करा रहे घायलों से मुलाकात करने के बाद स्थिति का मूल्यांकन करेंगे।

राज्यपाल ने कहा, ‘‘ये बहुत परेशान करने वाली घटना है। मैं पहले दिन में सिलीगुड़ी में था। वहां एक लड़की की हत्या कर दी गई थी। यह बहुत दर्दनाक है। अब यह घटना सामने आई है। मैं समझता हूं कि आठ बहुमूल्य जिंदगियां चली गई हैं। मैं बाद में स्थिति का आकलन करूंगा।’’

पुलिस अधिकारी ने बताया कि अपराध जांच विभाग (सीआईडी) का बम दस्ता, आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मी और पुलिस की एक टुकड़ी मौके पर मौजूद है।

पुलिस ने बताया कि विस्फोट के बाद स्थानीय लोगों ने फैक्टरी के एक मालिक के घर में तोड़फोड़ की।

यह पूछे जाने पर कि क्या फैक्टरी में पटाखों की आड़ में बम भी बनाये जा रहे थे, पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमने पटाखे बनाने में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल जब्त कर लिया है। हमारी फोरेंसिक टीम जांच कर रही है और जानकारी ले रही है।’’

पूर्व मेदिनीपुर जिले के एगरा में मई में एक अवैध पटाखा फैक्टरी में इसी तरह के विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई थी।

रविवार को हुए विस्फोट के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई। भाजपा ने इस घटना की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से कराने की मांग की, जबकि टीएमसी ने भाजपा से इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करने को कहा।

भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य बारूद के भंडार में बदल गया है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘पुलिस द्वारा अवैध गतिविधियों की कोई निगरानी नहीं की जा रही है। इन पटाखा फैक्टरी को टीएमसी के स्थानीय नेताओं का संरक्षण प्राप्त है।’’

भाजपा ने दावा किया कि स्थानीय विधायक एवं राज्य के खाद्य मंत्री रतिन घोष के समर्थन से फैक्टरी सुचारू रूप से संचालित की जा रही थी।

भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मामले की जांच एनआईए से कराने की मांग की।

उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति की गंभीरता और इन घटनाओं से क्षेत्र की सुरक्षा को होने वाले संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए, मैं आपसे हस्तक्षेप करने का अनुरोध करता हूं। मैं आपसे एनआईए को इन विस्फोटों की गहन और निष्पक्ष जांच करने का निर्देश देने का आग्रह करता हूं।’’

भाजपा के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने इस घटना की एनआईए जांच की मांग करते हुए कहा, ‘‘टीएमसी शासन के तहत, पश्चिम बंगाल बम बनाने की फैक्टरी और आतंकवादी गतिविधियों का केंद्र बन गया है और केवल एनआईए जांच से ही सच्चाई सामने आ सकती है।’’

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि पिछले साल अवैध पटाखा कारखानों में कम से कम छह ऐसे विस्फोट हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अवैध पटाखा कारखानों में हुए विस्फोटों में बच्चों समेत कई लोगों की मौत हो चुकी है। बाद में पता चला कि इन कारखानों में बम बनाये जा रहे थे। बंगाल में ये बम बनाने का उद्योग टीएमसी, गुंडों और पुलिस की सांठगांठ के कारण फल-फूल रहा है।’’

भाजपा के आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए टीएमसी के नेता कुणाल घोष ने कहा, ‘‘भाजपा को अपनी गिद्ध वाली राजनीति बंद करनी चाहिए। वे गिद्धों की तरह हैं, जो किसी के मरने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वे आकर शव को नोच सकें। उन्हें निष्कर्ष पर पहुंचना बंद करना चाहिए और पुलिस को जांच पूरी करने देना चाहिए।’’

भाजपा के आरोप को खारिज करते हुए राज्य के खाद्य मंत्री रतिन घोष ने आरोप लगाया कि अवैध कारखाने के पीछे इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) है।

मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि प्रशासन को इस अवैध फैक्टरी के बारे में कोई जानकारी थी। मैंने सुना है कि मुर्शिदाबाद के आईएसएफ कार्यकर्ता ने यहां एक संपत्ति किराये पर ली थी और अवैध फैक्टरी संचालित कर रहा था।’’

आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि फैक्टरी का मालिक टीएमसी का सदस्य है और उसे वहां फैक्टरी संचालित करने में पूरा संरक्षण प्राप्त है।

सिद्दीकी ने कहा, ‘‘मालिक टीएमसी का व्यक्ति है और उसे इस अवैध फैक्टरी को संचालित करने में पूरा समर्थन प्राप्त था।’’

टीएमसी के राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि राज्य सरकार ने एक एसआईटी (विशेष जांच दल) का गठन किया है, जिसने पिछले कुछ महीनों में ऐसी कई अवैध पटाखा फैक्टरी का भंडाफोड़ किया है।

उन्होंने कहा कि अगर कुछ इकाइयां अभी भी अवैध रूप से संचालित की जा रही हैं, तब उन्हें भी जल्द ही नष्ट कर दिया जायेगा।

सेन ने कहा कि कई बार ऐसी पटाखा फैक्टरी के खिलाफ कार्रवाई से स्थानीय लोगों का गुस्सा भी भड़क जाता है क्योंकि हजारों लोग आजीविका के लिए इन पर निर्भर होते हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन सरकार अवैध पटाखों के खतरे को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

पटाखा निर्माताओं के संगठन ‘सारा बांग्ला आतश बाजी उन्नयन समिति’ के अध्यक्ष बाबला रॉय ने कहा कि अवैध फैक्टरी में प्रतिबंधित हाई-डेसीबल ‘चॉकलेट बम’ या पटाखे बनाये जा रहे थे।










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