केरल उच्च न्यायालय ने सबरीमला के अयप्पा मंदिर में भीड़ नियंत्रण कार्रवाई का संज्ञान लिया

केरल उच्च न्यायालय ने त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) द्वारा नियुक्त एक गार्ड द्वारा सबरीमाला के भगवान अयप्पा मंदिर में 14 जनवरी को मकरविलक्कू के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं की आवाजाही को नियंत्रित करने के तरीके पर गंभीरता से संज्ञान लिया है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 16 January 2023, 6:39 PM IST
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कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) द्वारा नियुक्त एक गार्ड द्वारा सबरीमाला के भगवान अयप्पा मंदिर में 14 जनवरी को मकरविलक्कू के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं की आवाजाही को नियंत्रित करने के तरीके पर गंभीरता से संज्ञान लिया है।

न्यायमूर्ति अनिल के नरेंद्रन और न्यायमूर्ति पी जी अजित कुमार की पीठ ने बोर्ड को निर्देश दिया कि वह संबंधित गार्ड और उसके खिलाफ उठाए गए कदम के संबंध में विवरण दे। पीठ ने कहा, ‘‘जिस तरह से देवस्वओम के अरुण नामक गार्ड ने श्रीकोविल के सामने तीर्थयात्रियों की आवाजाही को नियंत्रित किया, वह संजीव शास्त्रम के फैसले में इस अदालत द्वारा जारी निर्देशों का घोर उल्लंघन था।’’

घटना का वीडियो टीवी चैनल पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया था। यह घटना तब हुई जब गार्ड 14 जनवरी को भगवान अयप्पा को पवित्र रत्न ‘थिरुभरणम’ से अलंकृत करने के बाद मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ को नियंत्रित कर रहे थे।

कार्यवाही के दौरान, पीठ ने कहा कि उसने संजीव शास्त्रम बनाम केरल राज्य मामले में टीडीबी द्वारा नियुक्त गार्ड और सोपानम में ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों को अवरोधक के माध्यम से श्रद्धालुओं की आवाजाही को उपयुक्त तरीके से नियंत्रित करने का निर्देश दिया था ताकि तीर्थयात्रियों को कम से कम असुविधा हो।

हालांकि, 14 जनवरी को भगवान को ‘थिरुभरणम’ से अलंकृत करने के बाद ‘‘भीड़ प्रबंधन पर सन्निधानम में श्रीकोविल के सामने कुछ मुद्दे आए।’’

अदालत ने सन्निधानम के विशेष पुलिस अधिकारी और सोपानम अधिकारी से घटना के संबंध में रिपोर्ट भी मांगी। मामले में ‘एमिकस क्यूरी’ ने पीठ को बताया कि सबरीमला के विशेष आयुक्त भी घटना पर एक रिपोर्ट दाखिल करेंगे।