जानें करवा चौथ का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व
करवा चौथ का व्रत हर महिला के लिए बेहद खास होता है। इस दिन सभी महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़ें करवा चौथ का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व क्या है..
नई दिल्ली: करवा चौथ का व्रत भारतीय महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है। इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत करती हैं।
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इस बार करवा चौथ का व्रत 27 अक्तूबर को मनाया जाएगा। इस बार करवा चौथ पर अत्यंत शुभ योग बन रहे हैं। मान्यताओं के अनुसार, सबसे पहले माता पार्वती ने यह व्रत शिवजी के लिए रखा था। इसके बाद ही उन्हें अखंड सौभाग्य प्राप्त किया था। इसलिए इस व्रत में भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा की जाती है।
करवा चौथ मुहूर्त
करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त 5:40 से 6:47 तक है। यानी चांद के दिखने का समय रात्रि 7 बजकर 55 मिनट पर होगा। चांद को अर्घ्य देकर ही व्रत खोलें। सुहागिन महिलाओं के लिए करवाचौथ का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है।
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करवा चौथ के व्रत के पीछे कई मान्यताएं हैं। माना जाता है कि करवा चौथ का व्रत करवा नाम की धोबिन के नाम पर पड़ा है। करवा इतनी बहादुर महिला थी कि उसने मगरमच्छ के मुंह से अपने पति की जान बचाई। उससे खुश होकर यमराज ने करवा को उसके पति की दीर्घायु होने का वरदान दिया। इसके साथ यह भी कहा कि जो स्त्री करवा चौथ का व्रत रखेगी, उसको सौभाग्यवती होने का वरदान मिलेगा।
पौराणिक काल से मनाया जा रहा करवाचौथ का त्योहार आज भी सुहागिनें पूरी श्रद्धा के साथ मनाती हैं और पूरे-विधि विधान के साथ इस व्रत का उद्यापन कर अपने सुहाग की रक्षा का कर्तव्य निभाती हैं।