करुवन्नूर बैंक घोटाला मामला : ईडी ने माकपा विधायक मोइदीन से नौ घंटे पूछताछ की

डीएन ब्यूरो

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता और विधायक ए.सी. मोइदीन से 150 करोड़ रुपये के करुवन्नूर सहकारी बैंक घोटाले की जांच के संबंध में नौ घंटे पूछताछ की।पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

वरिष्ठ नेता और विधायक ए.सी. मोइदीन
वरिष्ठ नेता और विधायक ए.सी. मोइदीन


कोच्चि (केरल):प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता और विधायक ए.सी. मोइदीन से 150 करोड़ रुपये के करुवन्नूर सहकारी बैंक घोटाले की जांच के संबंध में नौ घंटे पूछताछ की।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक विधायक आज सुबह यहां ईडी कार्यालय पहुंचे और एजेंसी द्वारा मांगे गए सभी दस्तावेज पेश किए।

पूछताछ के बाद मोइदीन ने संवाददाताओं से कहा कि जरूरत पड़ने पर वह दोबारा पेश होंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जांच में पूरा सहयोग किया है। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। इसलिए मैंने छापेमारी के दौरान भी सहयोग किया था।’’

उन्होंने कहा कि एजेंसी को उनके परिवार के बैंक खातों के लेन-देन पर लगाई गई रोक को हटाने का अनुरोध सौंपा गया है।

जांच एजेंसी ने उन्हें दो बार पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन यह पहली बार है कि वह इसके समक्ष पेश हुए।

मोइदीन (67) को सबसे पहले 31 अगस्त को मामले में जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए समन भेजा गया था लेकिन वह पेश नहीं हुए और कहा कि उन्हें समन देरी से मिला। उन्हें बाद में चार सितंबर को पेश होने के लिए फिर समन भेजा गया था।

यह मामला माकपा नियंत्रित करुवन्नूर सहकारी बैंक में कथित धोखाधड़ी से संबंधित है।

ईडी मामले में शामिल कुछ लोगों के परिसरों पर पिछले महीने की गयी छापेमारी के बाद से ही उनसे पूछताछ कर रही है।

एजेंसी ने बैंक तथा मोइदीन और उनकी पत्नी की 28 लाख की सावधि जमा को कुर्क करने का आदेश दिया था। इसके अलावा इस मामले में ‘‘अपराध से अर्जित’’ 15 करोड़ रुपये की 36 संपत्तियों को भी कुर्क करने का आदेश दिया था।

केरल के पूर्व सहकारिता एवं उद्योग मंत्री मोइदीन अभी राज्य विधानसभा में कुन्नामकुलम निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने अपने अवास पर छापों के बाद 22 अगस्त को मीडिया को संबोधित किया था और कहा था कि यह कार्रवाई ‘‘पूर्व नियोजित’’ है और वह किसी भी जांच में सहयोग करेंगे।

ईडी ने दावा किया कि उसकी शुरुआती जांच में पाया गया कि ‘‘बैंक को चलाने वाले माकपा के जिला स्तर के नेता एवं समिति के सदस्यों के निर्देश पर गरीब सदस्यों की संपत्ति को उनकी जानकारी के बिना गिरवी रखकर गैर-सदस्य को कथित रूप से बेनामी लेनदेन के रूप में ‘‘नकद में’’ ऋण वितरित किया गया और अभियुक्तों को मिले इस धन का शोधन किया गया।’’

एजेंसी को संदेह है कि ऐसे कई ‘‘बेनामी’’ ऋण कथित तौर पर मोइदीन के निर्देश पर बांटे गए थे।

ईडी के अनुसार, जिन लोगों के परिसरों पर छापे मारे गए उनमें से कुछ की पहचान किरण पी पी, रहीम सी एम, शिजू एम के और सतीश कुमार पी के रूप में की गयी है।

एजेंसी ने हाल में कुमार और किरण को गिरफ्तार किया था। उन्होंने दावा किया कि कुमार इस घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता है।

त्रिशूर में स्थित करुवन्नूर सहकारी बैंक में 2010 में शुरू हुए कथित धोखाधड़ी के इस मामले ने दो साल पहले केरल में एक राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया था।

धनशोधन का मामला त्रिशूर में केरल पुलिस (अपराध शाखा) द्वारा दर्ज की गई 16 प्राथमिकियों से संबंधित है।

 










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