कर्नाटक: यौन उत्पीड़न मामले में सरकारी स्कूल के शिक्षक और प्रधानाध्यापक निलंबित
कर्नाटक के शिवमोगा जिले में सरकारी स्कूल के 45 वर्षीय शिक्षक को छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने तथा प्रधानाध्यापक को कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
शिवमोगा: कर्नाटक के शिवमोगा जिले में सरकारी स्कूल के 45 वर्षीय शिक्षक को छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने तथा प्रधानाध्यापक को कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि शिकारीपुरा तालुक के सोप्पिनाकेरी गांव के स्कूल शिक्षक पर पिछले कुछ महीनों से नौ साल से 12 साल की उम्र की छात्राओं का यौन उत्पीड़न का आरोप था।
उन्होंने बताया कि इस मामले को प्रधानाध्यापक के संज्ञान में लाए जाने के बावजूद उसने शिक्षक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
अधिकारियों ने बताया कि पांच दिसंबर को मामला शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आया, जिसके बाद शिक्षक के खिलाफ लगाए गए आरोपों की विस्तृत जांच की गई।
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शिवमोगा के सार्वजनिक निर्देश उपनिदेशक सी. आर. परमेश्वरप्पा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि छात्रों के अभिभावक और स्कूल विकास एवं प्रबंधन समिति के सदस्यों से प्राप्त शिकायतों के आधार पर जांच का आदेश दिया गया था।
शिकारीपुरा के प्रखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर शुक्रवार को शिक्षक और प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया गया।
अधिकारियों ने कहा कि प्रधानाध्यापक के खिलाफ यह आरोप है कि उन्होंने मामले की जानकारी होने के बावजूद कभी भी आरोपी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की और न ही किसी उच्च अधिकारी को मामले की सूचना दी।
परमेश्वरप्पा ने कहा, ‘‘प्रधानाध्यापक ने मामले को दबाने का प्रयास किया, यही कारण है कि उन्हें भी घटना के संबंध में निलंबित किया गया है। विस्तृत जांच जारी है।’’
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अधिकारियों के अनुसार, स्कूल विकास और प्रबंधन समिति के सदस्यों ने शिकारीपुरा ग्रामीण पुलिस थाने में एक वरिष्ठ अधिकारी से भी संपर्क किया, जिसके बाद उन्होंने नौ दिसंबर को आरोपी शिक्षक के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मामले की जानकारी बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को भी दे दी गई है। पुलिस जांच के तहत छात्राओं के बयान दर्ज किए गए हैं और पीड़ितों की मेडिकल जांच कराई गई है।
अधिकारियों ने बताया कि सीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।