

कारगी चौक के पास हालात बेकार हो चुके हैं। यहां से गुजरने के लिए लोगों को बड़ी परेशानी हो रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
देहरादून: एक तरफ जहां पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छता के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, वहीं उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का कारगी चौक बदहाल है। यहां स्थित कूड़ा डंपिंग जोन ने स्थानीय लोगों का जीना दूभर कर दिया है। गंदगी, बदबू और कूड़े के कारण लोग मानसिक, शारीरिक और सामाजिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं।
बदबू से मुंह मोड़ रहे रिश्तेदार
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, कारगी चौक के पास स्थित डंपिंग जोन में रोजाना करीब 400 मीट्रिक टन कूड़ा इकट्ठा होता है, जिसे बाद में शीशमबाड़ा कूड़ा प्लांट भेज दिया जाता है। इस दौरान कूड़ा सड़कों पर गिरता है, ट्रैफिक जाम होता है और बदबू असहनीय हो जाती है। बारिश के दिनों में यह समस्या और गंभीर हो जाती है। स्थानीय लोगों के अनुसार बदबू इतनी तेज होती है कि खाना खाना भी मुश्किल हो जाता है। कई लोग इस इलाके से पलायन करने को मजबूर हो गए हैं।
कारोबार पर भी असर, पेट्रोल पंप की बिक्री 75 फीसदी घटी
कूड़े की बदबू का असर कारोबार पर भी देखने को मिल रहा है। डंपिंग जोन के पास स्थित एक पेट्रोल पंप के कर्मचारियों ने बताया कि ग्राहक बदबू के कारण वहां रुकना पसंद नहीं करते, जिसके कारण बिक्री में 75 फीसदी तक की गिरावट आई है।
मेयर और नगर आयुक्त ने समाधान के दिए संकेत
इस गंभीर समस्या पर देहरादून नगर निगम के मेयर सौरभ थपलियाल ने बताया कि डंपिंग जोन के सामने मैकेनाइज्ड ट्रांसफर स्टेशन बनाया गया है, जिसे जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। इससे बदबू, ट्रैफिक जाम और अन्य समस्याओं से राहत मिलेगी। इस दौरान नगर आयुक्त नमामि बंसल ने बताया कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत यह प्रोजेक्ट चल रहा है और लगभग पूरा हो चुका है। ट्रायल रन के बाद जल्द ही इसे पूरी तरह चालू कर दिया जाएगा।
फिलहाल डंपिंग जोन की स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त डंपर और जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं। यह एक आधुनिक कूड़ा प्रबंधन प्रणाली है, जिससे शहर से निकलने वाले कूड़े को एक जगह पर एकत्रित कर शीशमबाड़ा प्लांट में भेजा जा सकेगा। इससे सड़कों पर कूड़ा फैलने और ट्रकों से गिरने की समस्या खत्म हो जाएगी। कारगी चौक की यह समस्या देहरादून की छवि को खराब कर रही है। हालांकि अधिकारियों के अनुसार मैकेनाइज्ड ट्रांसफर स्टेशन शुरू होने के बाद जल्द ही शहरवासियों को इस गंभीर समस्या से राहत मिलने की उम्मीद है।