PM Modi in Kanpur: पीएम मोदी बने कानपुर मेट्रो के पहले यात्री, IIT स्टेशन से शुरू किया सफर, जानिये संबोधन की खास बातें

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार उत्तर प्रदेश की यात्रा पर है। इशकी क्रम में पीएम मोदी आज आइआइटी कानपुर के दीक्षा समारोह में पहुंचे। डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट में जानिये इस मौके पर पीएम के संबोधन की कुछ खास बातें

पीएम ने किया मेधावी छात्रों को संबोधित
पीएम ने किया मेधावी छात्रों को संबोधित


कानपुर: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार उत्तर प्रदेश की यात्रा पर है। इसकी क्रम में पीएम मोदी आज आइआइटी कानपुर के दीक्षा समारोह में पहुंचे, जहां उन्होंने डिग्रीधारी मेधावी छात्रों को कंफर्ट की बजाए चैलेंज चुनने का मंत्र दिया। इस मौके पर पीएम मोदी कानपुर मेट्रो के पहले यात्री भी बने। पीएम मोदी आइआइटी मेट्रो स्टेशन से मेट्रो ट्रेन में सवार हुए और गीतानगर स्टेशन तक जाकर वापस आइआइटी स्टेशन लौटे। उन्होंने यहां पर प्रदर्शनी के माध्यम से कानपुर मेट्रो का अवलोकन किया।

डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में जानिये इस मौके पर पीएम मोदी के संबोधन की खुछ खास बातें।

कानपुर मेट्रो में सवार पीएम मोदी और सीएम योगी

1) आपने जब IIT कानपुर में प्रवेश लिया था और अब जब आप यहां से निकल रहे हैं, तब और अब में, आप अपने में बहुत बड़ा परिवर्तन महसूस कर रहे होंगे। यहां आने से पहले एक Fear of Unknown होगा, एक Query of Unknown होगी।

2) अब Fear of Unknown नहीं है, अब पूरी दुनिया को Explore करने का हौसला है। अब Query of Unknown नहीं है, अब Quest for the best है, पूरी दुनिया पर छा जाने का सपना है।

3) कानपुर भारत के उन कुछ चुनिंदा शहरों में से है, जो इतना diverse है। सत्ती चौरा घाट से लेकर मदारी पासी तक, नाना साहब से लेकर बटुकेश्वर दत्त तक, जब हम इस शहर की सैर करते हैं तो ऐसा लगता है जैसे हम स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानों के गौरव की, उस गौरवशाली अतीत की सैर कर रहे हैं।

4) 1930 के उस दौर में जो 20-25 साल के नौजवान थे, 1947 तक उनकी यात्रा और 1947 में आजादी की सिद्धि, उनके जीवन का Golden Phase थी। आज आप भी एक तरह से उस जैसे ही Golden Era में कदम रख रहे हैं। जैसे ये राष्ट्र के जीवन का अमृतकाल है, वैसे ही ये आपके जीवन का भी अमृतकाल है।

5) ये दौर, ये 21वीं सदी, पूरी तरह Technology Driven है। इस दशक में भी Technology अलग-अलग क्षेत्रों में अपना दबदबा और बढ़ाने वाली है। बिना Technology के जीवन अब एक तरह से अधूरा ही होगा। ये जीवन और Technology की स्पर्धा का युग है और मुझे विश्वास है कि इसमें आप जरूर आगे निकलेंगे।

6) जो सोच और attitude आज आपका है, वही attitude देश का भी है। पहले अगर सोच काम चलाने की होती थी, तो आज सोच कुछ कर गुजरने की, काम करके नतीजे लाने की है। पहले अगर समस्याओं से पीछा छुड़ाने की कोशिश होती थी, तो आज समस्याओं के समाधान के लिए संकल्प लिए जाते हैं।

7) जब देश की आजादी को 25 साल हुए, तब तक हमें भी अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए बहुत कुछ कर लेना चाहिए था। तब से लेकर अब तक बहुत देर हो चुकी है, देश बहुत समय गंवा चुका है। बीच में 2 पीढ़ियां चली गईं इसलिए हमें 2 पल भी नहीं गंवाना है।

8) स्वामी विवेकानंद ने कहा था- Every nation has a message to deliver, a mission to fulfill, a destiny to reach. यदि हम आत्मनिर्भर नहीं होंगे, तो हमारा देश अपने लक्ष्य कैसे पूरे करेगा, अपनी Destiny तक कैसे पहुंचेगा?

9) मेरी बातों में आपको अधीरता नजर आ रही होगी लेकिन मैं चाहता हूं कि आप भी इसी तरह आत्मनिर्भर भारत के लिए अधीर बनें। आत्मनिर्भर भारत, पूर्ण आजादी का मूल स्वरूप ही है, जहां हम किसी पर भी निर्भर नहीं रहेंगे।
 










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