कमलनाथ ने बागेश्वर धाम के मुखिया धीरेंद्र शास्त्री का आरती उतारकर किया स्वागत, जानिये क्या था कार्यक्रम

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर एवं कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री का अपने गढ़ छिंदवाड़ा में अपने बेटे एवं सांसद नकुलनाथ के साथ आरती उतारकर स्वागत किया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 6 August 2023, 2:07 PM IST
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भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने  बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर एवं कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री का अपने गढ़ छिंदवाड़ा में अपने बेटे एवं सांसद नकुलनाथ के साथ आरती उतारकर स्वागत किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार आचार्य धीरेंद्र शास्त्री कमलनाथ के निमंत्रण पर छिंदवाड़ा के दौरे पर हैं, जहां आज से उनका दिव्य दरबार लगा हुआ है और वे सिमरिया स्थित सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर में लगे विशाल वाटरप्रूफ पंडाल में हनुमंत कथा कर रहे हैं। यह तीन दिवसीय कथा सात अगस्त तक चलेगी।

कमलनाथ एवं नकुलनाथ कथावाचक पंडित शास्त्री के श्रीमुख से कथा का श्रवण किया। कमलनाथ और उनके बेटे ने 27 वर्षीय शास्त्री के छिंदवाड़ा हवाई पट्टी पर विमान से उतरने के बाद स्वागत किया और उनकी आरती उतारी।

कमलनाथ ने कहा, ‘‘हमारा सौभाग्य है छिंदवाड़ा की पावन भूमि पर आपके चरण स्पर्श हुए गुरुदेव।’’

शास्त्री के दिव्य दरबार स्थल की ओर जाते हुए हजारों लोग सड़क के दोनों ओर कतारों में खड़े थे और उन पर फूल बरसाए।

शास्त्री ने आज दोपहर अपना प्रवचन शुरू करने से पहले कहा, ‘‘कमलनाथ ने फरवरी में छतरपुर में मेरे गृह स्थान बागेश्वर धाम में मुझसे मुलाकात की थी और मुझे भगवान हनुमान के दर्शन के लिए सिमरिया गांव में आमंत्रित किया था।’’

शास्त्री के प्रवचन अक्सर विवादास्पद बयानों और हिंदू राष्ट्र की स्थापना की मांगों से भरे होते हैं।

कमलनाथ ने 15 साल पहले सिमरिया में भगवान हनुमान की 101 फुट से अधिक ऊंची मूर्ति स्थापित की थी, जिसे उस समय देश में सबसे ऊंची माना जाता था।

मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को घेरने के लिए विपक्षी कांग्रेस हिंदू मतदाताओं तक पहुंच बनाकर अपनी छवि को फिर से तैयार करने की कोशिश कर रही है।

कथा शुरू होने से पहले कमलनाथ ने कहा, ‘‘छिंदवाड़ा में बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर श्री धीरेंद्र शास्त्री जी का स्वागत है। हमारा सौभाग्य है कि शास्त्री जी ने छिंदवाड़ा की धरती में अपना पांव रखा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत की सबसे बड़ी शक्ति आध्यात्मिक शक्ति है। महाराज शास्त्री जी उसके प्रतीक हैं। हमारे आध्यात्मिक शक्ति के प्रतीक हैं। आप में आध्यात्मिक शक्ति के लक्षण हैं।’’

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