जस्टिस मुरलीधर के मद्रास हाई कोर्ट में तबादले का फैसला लिया गया वापस, जानिये ये बड़ी वजह

डीएन ब्यूरो

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चन्द्रचूड़ के नेतृत्व वाले उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने उड़ीशा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर का तबादला मद्रास उच्च न्यायालय में करने की अपनी सिफारिश बुधवार को वापस ले ली। कॉलेजियम ने कहा कि इससे जुड़ा प्रस्ताव बिना किसी जबाव के सरकार के पास लंबित है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

उच्चतम न्यायालय
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नयी दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चन्द्रचूड़ के नेतृत्व वाले उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने उड़ीशा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर का तबादला मद्रास उच्च न्यायालय में करने की अपनी सिफारिश बुधवार को वापस ले ली। कॉलेजियम ने कहा कि इससे जुड़ा प्रस्ताव बिना किसी जबाव के सरकार के पास लंबित है।

न्यायमूर्ति चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ, न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी के कॉलेजियम ने कहा कि उसने डॉक्टर न्यायमूर्ति मुरलीधर का तबादला मद्रास उच्च न्यायालय में करने की सिफारिश 28 सितंबर, 2022 को की थी।

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कॉलेजियम ने कहा, ‘‘उसी वक्त से यह सिफारिश भारत सरकार के पास लंबित है, कोई उत्तर नहीं आया है। डॉक्टर न्यायमूर्ति मुरलीधर अब चार महीने से भी कम समय में, सात अगस्त, 2023 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।’’

कॉलेजियम ने कहा, ‘‘इस देरी के मद्देनजर डॉक्टर न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर के तबादले की सिफारिश को वापस लिया जाता है ताकि मद्रास उच्च न्यायालय में स्थाई मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की राह तैयार हो सके और, न्यायमूर्ति एस. वी. गंगापुरवाला को मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जा सके। मद्रास उच्च न्यायालय पिछले करीब छह महीनों से स्थाई मुख्य न्यायाधीश के बगैर काम कर रहा है।’’

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