जितेन्द्र यादव हत्याकांड LIVE: पहली तहरीर पर एफआईआर नहीं दर्ज कर पुलिस खुद फंसी अपने बिछाये जाल में, एसपी अब तक नहीं पहुंचे गांव में

डीएन ब्यूरो

महराजगंज जिले के फरेन्दा थाना क्षेत्र में हुई महिला जिला पंचायत सदस्य अमरावती देवी के पुत्र जितेन्द्र यादव की गोलियों से भूनकर निर्मम हत्या को दो दिन बीत चुके हैं लेकिन अब तक पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवान मृतक के गांव नहीं पहुंचे हैं। पूरा गांव पुलिसिया छावनी बना हुआ है और बारी तनाव है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव..



महराजगंज: दो महीने पहले हुए जितेन्द्र यादव पर जानलेवा हमले में यदि पुलिस के बड़े अफसरों ने निष्पक्ष कार्यवाही की होती तो आज शायद जितेन्द्र यादव जिंदा होता। 

जितेंद्र यादव का शव

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हत्या के तुरंत बाद मृतक की पत्नी की तरफ से दो पन्ने की तहरीर दी गयी थी लेकिन इस पर न जाने क्यों पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। रहस्यमय परिस्थियों में दूसरी तहरीर पर एफआईआर दर्ज की जाती है। जब यह बात सामने आती है तो परिजन व ग्रामीण पहली तहरीर के मुताबिक विधायक का नाम न देख भड़क उठे। 
अब डैमेज कंट्रोल में जुटे पुलिस अफसर कह रहे हैं कि हम विवेचना के क्रम में नाम जोड़ेंगे लेकिन इससे परिजन संतुष्ट नहीं है। इनका कहना है कि एफआईआर में साफ-साफ नाम अंकिन हो न कि विवेचना में बढ़ाया जाय।

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मृतक के परिजनों ने डाइनामाइट न्यूज़ से कहा कि अब तक जिला पुलिस के सबसे बड़े अफसर नहीं आये हैं। आखिर वे यहां आकर क्यों नहीं हमसे बात कर रहे हैं?










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