दिल्ली में प्रगति मैदान के पास स्थित झुग्गियों को ध्वस्त किया गया, 40 से अधिक परिवार बेघर हुए

डीएन ब्यूरो

मध्य दिल्ली के प्रगति मैदान के पास स्थित 55 से अधिक झुग्गियों को अधिकारियों ने अतिक्रमण रोधी अभियान के तहत बृहस्पतिवार को ध्वस्त कर दिया, जिसके चलते 40 से अधिक परिवार बेघर हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

परिवार बेघर (फाइल)
परिवार बेघर (फाइल)


नई दिल्ली: मध्य दिल्ली के प्रगति मैदान के पास स्थित 55 से अधिक झुग्गियों को अधिकारियों ने अतिक्रमण रोधी अभियान के तहत बृहस्पतिवार को ध्वस्त कर दिया, जिसके चलते 40 से अधिक परिवार बेघर हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए इलाके में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था।

निवासियों ने कहा कि तड़के करीब चार बजे जेसीबी की तेज आवाज के बाद उनकी आंख खुली और पाया कि उनके घरों को गिराने की तैयारी की जा रही है।

राष्ट्रीय राजधानी में इस साल के अंत में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले अधिकारी अतिक्रमण रोधी अभियान चला रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि प्रगति मैदान के पास भैरों मार्ग पर कई झुग्गियां हटाई गईं।

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पिछले नौ वर्षों से एक गैर सरकारी संगठन द्वारा चलाए जा रहे अस्थायी स्कूल को भी अभियान में ध्वस्त कर दिया गया।

निवासियों ने कहा, ‘‘अस्थायी स्कूल में करीब 30 विद्यार्थी पढ़ते थे। झुग्गियों में रहने वाले बच्चे अपने स्कूल के बाद यहां पढ़ने आते थे। 5 से 16 वर्ष तक के बच्चे नियमित रूप से स्कूल आते थे जहां उन्हें कला और कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाता था।’’

उन्होंने कहा कि उन्हें जो नोटिस जारी किया गया था उसमें स्कूल तोड़े जाने का जिक्र नहीं था।

मलबे से अपना सामान तलाशते दिखे झुग्गिवासियों ने कहा कि वे सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि उन्हें पांच किलोमीटर की परिधि में वैकल्पिक जगह आवंटित की जाए।

झुग्गी के निवासियों ने कहा, ‘‘जब उन्हें हमारा वोट चाहिए होता है, तो वे हमारे पास आते हैं और बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन अब जब हम विस्थापित हो रहे हैं, तो उन्हें कोई परवाह नहीं है।’’

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झुग्गीवासियों का कहना है कि उन्हें कुछ महीने पहले अतिक्रमण-रोधी अभियान के बारे में नोटिस दिया गया था और वे अदालत में फैसले की लड़ाई लड़ रहे थे।

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘यह अभियान विशेष कार्य बल द्वारा चलाया गया था और यह हमारे विभाग द्वारा चलाया गया अभियान नहीं था। हमारे अधिकारी अभियान में सहायता के लिए मौके पर मौजूद थे। यह कार्रवाई अदालत के निर्देश पर की गई।’’

दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले महीने प्रगति मैदान के पास झुग्गियों को तोड़े जाने के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था और इसमें रहने वालों को जमीन खाली करने के लिए एक महीने का समय दिया था।

 










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