जयशंकर ने यूगांडा के विदेश मंत्री से मुलाकात की, करीबी व ऐतिहासिक संबंधों का जायजा लिया
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यहां मंगलवार को यूगांडा के अपने समकक्ष मंत्री जनरल ओदोंगो जेजे से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच ‘करीबी व ऐतिहासिक संबंधों’ का जायजा लिया।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
कंपाला: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यहां मंगलवार को यूगांडा के अपने समकक्ष मंत्री जनरल ओदोंगो जेजे से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच ‘करीबी व ऐतिहासिक संबंधों’ का जायजा लिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जयशंकर ने स्वीकार किया कि दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा और हवाई यातायात में साझेदारी की संभावना तलाशी जा रही है।
वह यूगांडा एवं मोजम्बिक के साथ भारत के मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने के लिए दोनों अफ्रीकी देशों की 10 से 15 अप्रैल तक की यात्रा पर हैं।
जयशंकर ने कहा कि उन्होंने यूगांडा के अपने समकक्ष मंत्री के साथ व्यापक चर्चा की और गर्मजोशी के साथ स्वागत करने के लिए उनका शुक्रिया अदा किया।
विदेश मंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘हमारे संबंधों से अधिक मजबूत हुए करीबी संबंध और ऐतिहासिक संबंधों का जायजा लिया। व्यापार व निवेश, ऊर्जा, रक्षा और हवाई यातायात की संभावना तलाशी जा रही है।
बैठक के दौरान जयशंकर ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंपाला सिद्धांतों को डिजिटल, हरित एवं स्वास्थ्य परियोजनाओं पर केंद्रित करते हुए और अधिक क्रियान्वित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि मोदी ने 2018 में 10 मार्गदर्शक सिद्धांतों की एक श्रृंखला का अनावरण किया था, जो अफ्रीका के साथ भारत के संबंध को निर्धारित करेंगे।
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जयशंकर ने यूगांडा के जल एवं पर्यावरण मंत्री सैम चेप्टोरिस, व्यापार मंत्री एम फ्रांसिस और विदेश मामलों के राज्य मंत्रियों से भी मुलाकात की।
जयशंकर ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘भारतीय विकास साझेदारी परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन का जिक्र किया, जिनका लक्ष्य सशक्तिकरण, क्षमता निर्माण और मानव संसाधन क्षमता को बढ़ाना है।’’
इससे पहले दिन में, विदेश मंत्री ने कहा कि भारत जी20 की अपनी अध्यक्षता का उपयोग इस प्रभावशाली मंच को वैश्विक आर्थिक विकास के इसके लक्ष्य पर केंद्रित रखने में करना चाहेगा।
यूगांडा में भारतीय मामलों पर संसदीय मंच के सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की जी20 की अध्यक्षता इस रूप में अलग है कि अब तक समूह के किसी अन्य अध्यक्ष ने ‘ग्लोबल साउथ’ के सभी देशों से परामर्श करने की कोशिश नहीं की।
उल्लेखनीय है कि ‘ग्लोबल साउथ’ में एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के देश आते हैं। ग्लोबल साउथ के देशों को नव औद्योगीकृत या औद्योगीकरण की प्रक्रिया में शामिल देशों के रूप में वर्णित किया जाता है तथा उनमें से ज्यादातार देश उपनिवेश रह चुके हैं।
भारत जी20 की अपनी अध्यक्षता के तहत इसके ढांचे में ग्लोबल साउथ की चिंताओं को शामिल करने की कोशिश करेगा।
भारत पिछले साल एक दिसंबर से जी20 की अध्यक्षता कर रहा है। जी20 शिखर सम्मेलन इस साल नौ-दस सितंबर को नयी दिल्ली में आयोजित होगा।
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जयशंकर ने कहा कि भारत जी20 की अपनी अध्यक्षता का उपयोग इस मंच को वैश्विक आर्थिक विकास के इसके लक्ष्य और यूगांडा के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित रखने के लिए करना चाहेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहेंगे कि जी20 हरित विकास, ऋण, सतत विकास लक्ष्य, डिजिटल सेवाओं के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करे।’’
जी20 विश्व की विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है।
जयशंकर सोमवार को यूगांडा पहुंचे थे। उन्होंने राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी से मुलाकात की और प्रधानमंत्री मोदी की ओर से उन्हें शुभकामना दी।