जयराम रमेश ने भाजपा पर लगाया आरोप, छत्तीसगढ़ चुनाव में ध्रुवीकरण के अलावा कोई मुद्दा नहीं
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भारतीय जनता पार्टी पर ध्रुवीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में उनके (भाजपा के) पास इसके अलावा कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन राज्य के लोग ऐसी विभाजनकारी विचारधारा को कतई स्वीकार नहीं करेंगे। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
रायपुर: कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भारतीय जनता पार्टी पर ध्रुवीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में उनके (भाजपा के) पास इसके अलावा कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन राज्य के लोग ऐसी विभाजनकारी विचारधारा को कतई स्वीकार नहीं करेंगे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पार्टी के प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की नीतियां छत्तीसगढ़ के लोगों के हित में नहीं हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ में भाजपा मुद्दाविहीन हो गई है। उसके पास राज्य में ध्रुवीकरण के अलावा कोई मुद्दा नहीं है। राज्य में केंद्रीय गृहमंत्री और असम के मुख्यमंत्री के भाषणों में केवल ध्रुवीकरण का मुद्दा उठा।’’
रमेश ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी ने भारत निर्वाचन आयोग को एक ज्ञापन सौंपकर छत्तीसगढ़ में रैलियों के दौरान दिए गए बयानों के लिए केंद्रीय गृहमंत्री (अमित शाह) और असम के मुख्यमंत्री (हिमंत विश्व शर्मा) के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है और निर्वाचन आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किये हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री.. सभी ध्रुवीकरण के मुद्दे को बढ़ावा देने के लिए समान मानसिकता के साथ चुनाव प्रचार में उतर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी इससे डरेगी नहीं और इसके खिलाफ लड़ेगी। भाजपा और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) विभाजनकारी राजनीति में विश्वास करते हैं तथा सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और वोट हासिल करने के लिए लोगों को धर्म, जाति और भाषा के आधार पर विभाजित करने की कोशिश करते हैं। वे उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी यही काम कर रहे हैं।’’
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पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश ने दावा किया कि मणिपुर में जो कुछ भी हुआ वह उसी विभाजनकारी राजनीति का नतीजा है।
छत्तीसगढ़ चुनाव में कांग्रेस की जीत पर भरोसा जताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘लोग विभाजनकारी और ध्रुवीकरण की विचारधारा को स्वीकार नहीं करेंगे।’’
रमेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर राज्य के लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों नेताओं ने नगरनार इस्पात संयंत्र का निजीकरण न किये जाने की बात कही है, लेकिन उसे बेचने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र नगरनार इस्पात संयंत्र (बस्तर में एनएमडीसी की इकाई, जिसका हाल में प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया था) को बेचने में लगा हुआ है, लेकिन अब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने कहा है कि इसका निजीकरण नहीं किया जाएगा। अगर उन्हें मौका मिला तो वे (छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला स्थित) भिलाई इस्पात संयंत्र का भी निजीकरण कर देंगे। सार्वजनिक संपत्ति का निजीकरण किया जा रहा है और किसके पक्ष में किया जा रहा है, मैं इसमें नहीं पड़ना चाहता। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान कोरबा (छत्तीसगढ़) स्थित बालको संयंत्र का निजीकरण किया गया था। केंद्र की निजीकरण की नीति छत्तीसगढ़ के लोगों के हित में नहीं है।’’
रमेश ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री गलती से भी सच नहीं बोल सकते हैं।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘रेलगाड़ियों के अनियमित परिचालन का खामियाजा छत्तीसगढ़ की जनता भुगत रही है। सबसे ज्यादा ट्रेन के रद्द होने और रेलगाड़ियों के परिचालन में देरी की घटनाएं छत्तीसगढ़ में होती हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए कोयला ढुलाई करने वाली मालगाड़ियों को प्राथमिकता दिए जाने के कारण ऐसा हो रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी ने अब तक छत्तीसगढ़ में लोगों को 17 चुनावी गारंटी दी है, जिनमें से एक प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीद बुधवार से ही लागू की जा रही है।
छत्तीसगढ़ में धान की खरीद एक नवंबर से शुरू हो रही है।
राज्य की 90 विधानसभा सीट के लिए सात और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान प्रस्तावित है।