राजस्थान में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की योजना, सभी जिलों में बनाई जाएंगी लव-कुश वाटिकाएं

डीएन ब्यूरो

राज्य में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिले में लव-कुश वाटिका विकसित करने के निर्देश दिए। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

अशोक गहलोत, सीएम, राजस्थान (फाइल फोटो)
अशोक गहलोत, सीएम, राजस्थान (फाइल फोटो)


जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिले में लव-कुश वाटिका विकसित करने के निर्देश दिए।

गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर वन विभाग की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वाटिकाओं में वन एवं वन्यजीवों से संबंधित ऎसे मॉडल स्थापित करें, जिनसे बच्चों को पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण की शिक्षा मिल सकें।

उन्होंने कहा कि औषधीय पौधे वितरित करने की योजना बहुत अच्छी है, इनका दायरा बढ़ाने की आवश्यकता है। भविष्य में औषधीय के साथ फलदार पौधों का भी वितरण किया जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए वन्यजीवों का संरक्षण और वनों का विस्तार किया जाना सबसे जरूरी है। उन्होंने वन अधिकारियों को निर्देश दिए कि वन क्षेत्र के साथ पूरे प्रदेश में हरियाली बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास करें।

विभागीय कार्यों में पारदर्शिता लाने के साथ बजट घोषणाओं को समय पर पूरा करें। वन क्षेत्र विकसित करने, मानसून में अधिक से अधिक पौधारोपण के लिए आमजन को सहभागी बनाएं।श्री गहलोत ने कहा कि राज्य पर्यावरण प्रभाव आंकलन प्राधिकरण (एसईआईएए) में पर्यावरण मंजूरी के प्रकरणों का समयबद्ध और पारदर्शिता के साथ निस्तारण किया जाए ताकि आवेदकों को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि आवेदकों को उनके उद्योग स्थापित करने और अन्य कार्यों के लिए नियमानुसार स्वीकृतियां मिलें। उन्होंने वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) में लंबित प्रकरणों को भी जल्द निस्तारित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने सभी घोषणाओं को समय पर सुनियोजित तरीके से पूरा कराने के निर्देश दिए।उन्होंने वन क्षेत्र में वन्यजीवों से छेड़छाड़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश भी दिए। साथ ही कहा कि अभ्यारण्य घूमने आने वाले पर्यटकों को वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति जागरूक भी करें।

उन्होंने चूरू के तालछापर अभ्यारण्य में वन्यजीव प्रबंधन प्रशिक्षण केंद्र की प्रगति, चंबल घड़ियाल अभ्यारण्य को पर्यटन दृष्टि से विकसित किए जाने, जोधपुर में ‘पद्मश्री कैलाश सांखला स्मृति वन‘ को शुरू करने, फतेहपुर-सीकर में सिटी नेचर पार्क के निर्माण सहित अन्य कार्याें की समीक्षा की।इस मौके वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि विभाग द्वारा बजट घोषणाओं को समय पर पूरा करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। (वार्ता)










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