एल्गार परिषद मामले में जेल में बंद हनी बाबू को विदेशी विश्वविद्यालय से मानद उपाधि
एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी और दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ हनी बाबू को बेल्जियम का एक विश्वविद्यालय डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान करेगा। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
(तस्वीर के साथ)
नागपुर, 24 मार्च (भाषा) एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी और दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ हनी बाबू को बेल्जियम का एक विश्वविद्यालय डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान करेगा। उनकी पत्नी ने यह जानकारी दी।
हनी बाबू अभी नवी मुंबई की एक जेल में बंद हैं।
हनी बाबू की पत्नी जेनी रोवेना ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि उन्हें शुक्रवार को घेंट विश्वविद्यालय, बेल्जियम के कला एवं दर्शन शास्त्र विभाग से डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की जाएगी।
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हनी बाबू को एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में जुलाई 2020 में गिरफ्तार किया गया था। वह इस मामले में गिरफ्तार होने वाले 12वें व्यक्ति थे।
यह मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद की बैठक से संबंधित है। पुणे पुलिस का आरोप है कि बैठक में दिए गए भड़काऊ भाषणों के कारण अगले दिन पुणे शहर के पास स्थित भीमा कोरेगांव युद्ध स्मारक पर जातीय हिंसा हुई। पुलिस का यह भी आरोप है कि परिषद को माओवादियों का समर्थन प्राप्त था।
उनकी पत्नी ने बयान में कहा कि विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस 24 मार्च को आयोजित एक समारोह के दौरान उन्हें यह सम्मान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हनी बाबू की ओर से यह सम्मान घेंट विश्वविद्यालय में भाषा विज्ञान की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ ऐनी ब्रीटबर्थ ग्रहण करेंगी।
हनी बाबू के अलावा, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रिया और नीदरलैंड के छह अन्य शोधकर्ताओं एवं विद्वानों को भी विश्वविद्यालय द्वारा सम्मानित किया जा रहा है।
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भाषा अविनाश माधव
माधव