ओडिशा: चिकित्सकों ने बोरवेल से बचाई गई नवजात को खतरे से बाहर बताया

डीएन ब्यूरो

ओडिशा के संबलपुर जिले में मंगलवार शाम को एक बोरवेल से बचाई गई नवजात बच्ची की हालत स्थिर और खतरे से बाहर है। चिकित्सकों ने यह जानकारी दी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

चिकित्सकों ने बोरवेल से बचाई गई नवजात को खतरे से बाहर बताया
चिकित्सकों ने बोरवेल से बचाई गई नवजात को खतरे से बाहर बताया


संबलपुर (ओडिशा):  ओडिशा के संबलपुर जिले में मंगलवार शाम को एक बोरवेल से बचाई गई नवजात बच्ची की हालत स्थिर और खतरे से बाहर है। चिकित्सकों ने यह जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक बच्ची का ‘वीर सुरेंद्र साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च’ (वीआईएमएसएआर), बुर्ला की विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में इलाज चल रहा है। सुभाष चंद्र माझी के नेतृत्व में चिकित्सकों की पांच सदस्यीय टीम बच्ची के स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है।

वीआईएमएसएआर के चिकित्सा अधीक्षक लालमोहन नायक ने बृहस्पतिवार को बताया कि नवजात बच्ची को मंगलवार रात करीब 11 बजकर 30 मिनट पर एसएनसीयू में लाया गया, वह हाइपोथर्मिया से ग्रस्त है। हाइपोथर्मिया में शरीर का तापमान तेजी से कम हो जाता है और यह जानलेवा भी हो सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘बोरवेल में ठंड के कारण उसके शरीर का तापमान खतरनाक रूप से कम हो गया था। उसे नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में रखा गया, जिसके बाद उसकी हालत में सुधार हुआ। अब उसे अगले 48 घंटों तक निगरानी में रखा जाएगा।’’

चिकित्सकों ने बताया कि नवजात का वजन 1.6 किलोग्राम है और जब उसे बचाया गया तो वह एक दिन की लग रही थी।

इस बीच, पुलिस ने बुधवार को घटना के संबंध में रेंगाली पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) और अन्य प्रासंगिक धाराओं में मामला दर्ज किया।

संबलपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) एच.सी. पांडे ने कहा, ‘‘पुलिस यह पता लगाने के लिए हर संभावित पहलुओं से जांच करेगी कि घटना कैसे हुई और इसके लिए कौन जिम्मेदार है।’’

ग्रामीणों द्वारा मंगलवार को बोरवेल में किसी के रोने की आवाज सुनने के बाद वहां बच्ची के पड़े होने के बारे में पता चला था। पुलिस, दमकल विभाग और स्वास्थ्य अधिकारी की टीम मौके पहुंची और रात नौ बजकर 40 मिनट पर उसे बाहर निकाल लिया गया।

 










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