यूक्रेन सुरक्षा बलों में शामिल भारतीय ‘अपने देश’ के लिए लड़ रहे

डीएन ब्यूरो

करीब 12 साल पहले यूक्रेन जा कर वहां स्थायी तौर पर बस गए भारतीय नागरिक एंड्री अब वहां की ‘‘इंटरनेशनल लेजियन ऑफ टेरिटोरियल डिफेन्स ऑफ यूक्रेन’’ का हिस्सा हैं तथा मानते हैं कि यूक्रेन उनका घर है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: करीब 12 साल पहले यूक्रेन जा कर वहां स्थायी तौर पर बस गए भारतीय नागरिक एंड्री अब वहां की ‘‘इंटरनेशनल लेजियन ऑफ टेरिटोरियल डिफेन्स ऑफ यूक्रेन’’ का हिस्सा हैं तथा मानते हैं कि यूक्रेन उनका घर है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार,  ‘‘इंटरनेशनल लेजियन ऑफ टेरिटोरियल डिफेन्स ऑफ यूक्रेन’’ पिछले एक वर्ष से भी अधिक समय से रूस के खिलाफ युद्ध लड़ रहा है।

एंड्री ने पत्रिका 'द वीक' को उसके अगले संस्करण में प्रकाशित होने वाले एक साक्षात्कार में बताया, 'अगर कोई आपके घर पर हमला करेगा तो क्या आप बैठे रहेंगे या लड़ेंगे?'

एंड्री 12 वर्ष पहले भारत से यूक्रेन गए और वहीं बस गए। उन्होंने एक यूक्रेनी महिला से शादी की है और उनके बच्चे भी हैं। साक्षात्कार के दौरान उन्होंने बताया कि उन्हें दक्षिण भारतीय भोजन की बहुत याद आती है तथा इडली और डोसा उनका पसंदीदा भोजन हैं।

वर्तमान में, ‘‘इंटरनेशनल लेजियन ऑफ टेरिटोरियल डिफेन्स ऑफ यूक्रेन’’ में तीन भारतीय हैं और 'द वीक' ने पिछले महीने यूक्रेन में उनमें से दो से बात की।

हरियाणा के रहने वाले नवीन सबसे पहले ‘‘टेरिटोरियल डिफेन्स फोर्सेज’’ में शामिल हुए थे जो यूक्रेन का सैन्य रिजर्व है। 'खारकीव एविएशन इंस्टीट्यूट' से पढ़ाई करने वाले नवीन इसी साल जनवरी में वहां की सेना में शामिल हुए।

साक्षात्कार के दौरान नवीन ने कहा, 'शुरुआत में मैं युद्ध से डरा हुआ था लेकिन मेरे कमांडर एलेक्स ने मुझे गंभीर परिस्थितियों का सामना करने में मदद की।'

यह संघर्ष पिछले साल फरवरी महीने से शुरू हुआ था।

रूस और यूक्रेन के बीच जब संघर्ष शुरू हुआ तब लगभग 19,000 भारतीय छात्र यूक्रेन में पढ़ रहे थे। संघर्ष के बीच उन्हें वहां से सुरक्षित भारत वापस लाया गया।

एक अनुमान के मुताबिक, लगभग 2,000 भारतीय छात्र वापस यूक्रेन चले गए हैं और उनमें ज्यादातर लोग पूर्वी यूरोपीय देश के पश्चिमी हिस्से में रह रहे हैं।










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