भारतीय नौसेना ने '360 डिग्री मूल्यांकन तंत्र' शुरू किया
भारतीय नौसेना ने शनिवार को कहा कि उसने एक ‘‘परिवर्तनकारी’’ मूल्यांकन तंत्र को संस्थागत रूप दिया है क्योंकि वर्तमान प्रणाली में ‘टॉप-डाउन’ दृष्टिकोण की अंतर्निहित सीमा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: भारतीय नौसेना ने शनिवार को कहा कि उसने एक ‘‘परिवर्तनकारी’’ मूल्यांकन तंत्र को संस्थागत रूप दिया है क्योंकि वर्तमान प्रणाली में ‘टॉप-डाउन’ दृष्टिकोण की अंतर्निहित सीमा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक नौसेना ने कहा कि एक चुस्त, अनुकूल और उन्नत मानव संसाधन प्रबंधन अनिवार्य है और इस संबंध में विभिन्न पदोन्नति बोर्डों के लिए ‘360 डिग्री मूल्यांकन प्रणाली’ की एक नयी परिवर्तनकारी पहल को संस्थागत रूप दिया गया है।
उसने कहा कि सफेद वर्दी में महिलाएं और पुरुष भारतीय नौसेना के ‘शिप फर्स्ट’ दृष्टिकोण के केंद्र में हैं और निकट भविष्य में भी इसकी सबसे बड़ी परिसंपत्ति बने रहेंगे।
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नौसेना ने एक बयान में कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा गोपनीय रिपोर्टों के वर्तमान मूल्यांकन तंत्र में ‘टॉप-डाउन’ दृष्टिकोण की अंतर्निहित सीमा है।
इसमें कहा गया है कि नए मूल्यांकन तंत्र का उद्देश्य ‘‘पदोन्नति की खातिर विचार किए जा रहे प्रत्येक अधिकारी के लिए उनके साथियों और अधीनस्थों से बड़े पैमाने पर सर्वेक्षण करना है।’’
नौसेना ने कहा, ‘‘सर्वेक्षण में कई प्रकार के सवाल पूछे जाते हैं, जिसमें व्यवसायिक ज्ञान, नेतृत्व की विशेषताएं, युद्ध/संकट में उपयुक्तता और उच्च पद धारण करने की क्षमता जैसे पहलू शामिल होते हैं।’’
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बयान में कहा गया है कि इसी तरह की मूल्यांकन प्रणाली विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शिक्षण संगठनों में प्रचलन में है।