भारत निशानेबाजी में नये मानदंड गढ़ने वाला देश बन गया है
ओलंपियन राइफल निशानेबाज अंजुम मौदगिल का मानना है कि भारत में निशानेबाजी का स्तर दुनिया के किसी अन्य देश से काफी ऊंचा है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: ओलंपियन राइफल निशानेबाज अंजुम मौदगिल का मानना है कि भारत में निशानेबाजी का स्तर दुनिया के किसी अन्य देश से काफी ऊंचा है।
दस मीटर एयर राइफल में विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता अंजुम ने कहा कि भारतीय निशानेबाज घरेलू प्रतियोगिताओं में कई मौकों पर विश्व रिकॉर्ड स्कोर बेहतर कर रहे थे, जो इस बात का साफ संकेत है कि देश में यह खेल एक अलग स्तर पर पहुंच गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अंजुम ने यहां कर्णी सिंह निशानेबाजी परिसर में खेलो इंडिया पैरा खेलों के इतर कहा, ‘‘ भारतीय एथलीट वास्तव में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर हम अपनी राष्ट्रीय चैंपियनशिप को देखें, तो कई बार स्कोर अंतरराष्ट्रीय स्कोर से भी ऊपर हो जाते हैं।’’
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राष्ट्रमंडल खेलों की रजत पदक विजेता और विश्व की पूर्व नंबर एक निशानेबाज ने ‘ कहा, ‘‘बड़ी संख्या में निशानेबाज बड़ा स्कोर कर रहे हैं, जो किसी अन्य देश में नहीं हो रहा है। इसलिए, मुझे लगता है कि भारत में स्तर बहुत ऊंचा है।’’
अंजुम की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में प्रतिद्वंद्वी सिफत कौर सामरा ने हाल ही में विश्व रिकॉर्ड के साथ हांगझोउ एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। सिफत ने श्रीयंका सादांगी के साथ 2024 पेरिस ओलंपिक का देश के लिए कोटा हासिल कर लिया है।
अंजुम का मानना है कि ओलंपिक कोटा स्थान हासिल करने वाले सभी निशानेबाजों ने कड़ी मेहनत की है और भारत अपना सर्वश्रेष्ठ निशानेबाजी दल पेरिस भेजेगा। उन्होंने कहा, ‘‘ सिफत भारत के लिए कोटा जीतने वाली पहली महिला थी (महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में) और यह हमारे खेल के लिए बहुत अच्छा है। उसके बाद श्रीयंका ने कोटा स्थान जीता। मुझे लगता है कि जो कोई भी कोटा स्थान हासिल कर रहा है उसने बहुत कड़ी मेहनत की है और मुझे लगता है कि भारत की सर्वश्रेष्ठ टीम पेरिस जाएगी।’’
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अंजुम ने तोक्यो ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया था। ओलंपिक में असरहीन प्रदर्शन के बाद वह लय बरकरार रखने के लिए जूझ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ उतार-चढ़ाव एक खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा हैं।
इस वर्ष मेरे कुछ स्कोर अच्छे नहीं रहे और मैं इस वर्ष कुछ प्रतियोगिताओं से भी बाहर हो गयी। मुझे लगता है कि हमें उन संघर्षों से सीखने की जरूरत है। उस दौरान मैंने हमेशा खुद से कहा कि मैं जोरदार वापसी करूंगी।’’ भाषा आनन्द नमितानमिता