Asian Games: भारत ने रोमांचक मुकाबले में आठ साल बाद पाकिस्तान को हराया, पुरुष टीम स्क्वाश स्पर्धा में जीता गोल्ड
अभय सिंह ने उतार चढ़ाव भरे मैच में गजब का संयम दिखाते हुए नूर जमां को हराकर अपने करियर की सबसे बड़ी फतह हासिल की जिससे शीर्ष वरीय भारत ने शनिवार को यहां एशियाई खेलों की पुरुष टीम स्क्वाश स्पर्धा में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को रोमांचक मुकाबले में हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया।
हांगझोउ: अभय सिंह ने उतार चढ़ाव भरे मैच में गजब का संयम दिखाते हुए नूर जमां को हराकर अपने करियर की सबसे बड़ी फतह हासिल की जिससे शीर्ष वरीय भारत ने शनिवार को यहां एशियाई खेलों की पुरुष टीम स्क्वाश स्पर्धा में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को रोमांचक मुकाबले में हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया।
टूर्नामेंट शुरु होने से पहले भारतीय पुरुष टीम के आठ साल बाद शीर्ष स्थान पर रहने की उम्मीद थी जिसमें उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती मलेशिया और पाकिस्तान की थी।
सौरव घोषाल की अगुआई वाली टीम इन दोनों प्रतिद्वंद्वियों की चुनौती से निपटकर सोना हासिल करने में सफल रही।
पाकिस्तान के खिलाफ भारत को लीग चरण में इस चिर प्रतिद्वंद्वी से हार मिली थी।
जमां (113 रैंकिंग) ने लीग चरण के मैच में दुनिया के 69वें नंबर के खिलाड़ी अभय को हराया था और शनिवार को भी मैच में ज्यादातर हिस्से में यह पाकिस्तानी खिलाड़ी मुकाबले में भारी दिख रहा था।
यह भी पढ़ें |
एशियाई खेल हॉकी में भारत और पाकिस्तान की टीम आमने-सामने, जानिये कब होगी रोमांचक भिड़ंत
एकल में नासिर इकबाल की जीत के बाद घोषाल स्कोर को 1-1 से बराबर करने में सफल रहे जिससे स्वर्ण पदक का फैसला अभय और जमां के बीच मुकाबले से होना था। दिन के नायक चेन्नई के अभय रहे जिन्होंने उतार चढ़ाव भरे निर्णायक मैच में गजब का संयम दिखाते हुए जमां को 3-2 से पराजित किया।
जमां चौथे गेम में 9-7 से और निर्णायक गेम में 10-8 से आगे चल रहे थे। लेकिन भारतीय खिलाड़ी अभय किसी तरह वापसी कर 64 मिनट तक मैराथन मुकाबले में 11-7, 9-11, 8-11, 11-9, 12-10 के स्कोर से यादगार जीत दर्ज की। इस जीत के बाद उन्होंने अपना रैकेट हवा में उछाल दिया।
अभय ने कहा, ‘‘हमें तीन रात पहले भी जीत दर्ज करनी चाहिए थी क्योंकि हमारी टीम उनसे बेहतर थी। मैं आज की जीत से खुश हूं। जश्न मनाने का समय नहीं है क्योंकि कल हमारे मैच हैं। ’’
भारत के सबसे ऊंची 19 रैंकिंग वाले खिलाड़ी घोषाल ने कहा, ‘‘परिस्थितियों को देखते हुए यह निश्चित रूप से अभय के करियर की सबसे बड़ी जीत है। ’’
अभय 2017 में पेशेवर बने थे और उनके बारे में लोग ज्यादा नहीं जानते लेकिन शनिवार की इस जीत से इसमें काफी बदलाव आना चाहिए। मैच 2-2 की बराबरी के बाद यह साफ दिख रहा था कि उन्हें अपने साथी खिलाड़ियों से कोई सलाह नहीं चाहिए। पहले एशियाई खेलों में वह काफी आत्मविश्वास से भरे दिख रहे थे।
यह भी पढ़ें |
Asian Games: भारतीय महिला कंपाउंड टीम ने तीरंदाजी में जीता दूसरा स्वर्ण पदक, जानिये रोमाचंक मुकाबले की खास बातें
इससे पहले अनुभवी घोषाल ने मोहम्मद असीम खान पर 3-0 (11-5, 11-1, 11-3) की जीत से भारत को मुकाबले में वापसी करायी क्योंकि महेश मंगावंकर शुरुआती मैच में इकबाल नासिर से इसी अंतर (8-11, 2-11. 3-11) से हार गये थे।
भारत ने इस तरह लीग चरण में पाकिस्तान से मिली शिकस्त का बदला चुकता किया।
भारत ने इंचियोन 2014 चरण में पुरुष टीम स्क्वाश स्वर्ण पदक जीता था जबकि पाकिस्तान ने पिछला स्वर्ण पदक ग्वांग्झू 2010 में जीता था।
घोषाल अपना छठा एशियाड खेल रहे हैं और अब उनका ध्यान व्यक्तिगत स्पर्धा में पहला स्वर्ण पदक जीतने का होगा। वह बुसान 2002 एशियाड से एकल में तीन कांस्य और एक रजत पदक जीत चुके हैं।