आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने में भारत अमेरिका का स्वाभाविक भागीदार बना

अमेरिका के एक सांसद ने कहा है कि अमेरिकी कंपनियां अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता ला रही हैं और भारत उनका एक स्वाभाविक भागीदार बन गया है। उन्होंने कहा कि हालिया एअर इंडिया-बोइंग समझौता इस बात का गवाह है कि भारत अपने नागर विमानन क्षेत्र का आधुनिकीकरण कर रहा है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 19 February 2023, 3:33 PM IST
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वाशिंगटन: अमेरिका के एक सांसद ने कहा है कि अमेरिकी कंपनियां अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता ला रही हैं और भारत उनका एक स्वाभाविक भागीदार बन गया है। उन्होंने कहा कि हालिया एअर इंडिया-बोइंग समझौता इस बात का गवाह है कि भारत अपने नागर विमानन क्षेत्र का आधुनिकीकरण कर रहा है।

एअर इंडिया ने मंगलवार को कुल 34 अरब डॉलर मूल्य के 220 ऑर्डर वाले 190 बोइंग 737 मैक्स, 20 बोइंग 787 और 10 बोइंग 777 एक्स की खरीद से संबंधित अपने समझौते की घोषणा की जिससे 44 राज्यों में 10 लाख अमेरिकी लोगों को रोजगार मिलेगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार भारतीय-अमेरिकी सांसद अमी बेरा ने  कहा, ‘‘हमें महामारी के दौरान एहसास हुआ कि हमारी आपूर्ति श्रृंखला चीन पर कितनी अधिक निर्भर है। जब हमने अमेरिकी कंपनियों से अपनी आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने का अनुरोध किया तो भारत हमारा स्वाभाविक भागीदार बना। वे निश्चित रूप से फार्मास्युटिकल (दवा) क्षेत्र में हैं, उनके पास एक परिपक्व फार्मास्युटिकल क्षेत्र है, लेकिन रक्षा उत्पादन में भी, प्रौद्योगिकी के अन्य क्षेत्रों में भी भारत के पास एक बहुत जीवंत तकनीकी क्षेत्र है।’’

उन्होंने कहा कि भारत ऐतिहासिक रूप से एक गुटनिरपेक्ष देश रहा है, लेकिन तेजी से एक बड़ी आर्थिक शक्ति, एक महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में, और समुद्री सुरक्षा पर अमेरिका के साथ काम कर रहा है तथा इसका व्यापारिक भागीदार बन रहा है।

बेरा को हाल में 118वीं कांग्रेस के लिए हिंद-प्रशांत पर सदन की विदेश मामलों की उपसमिति के शीर्ष सदस्य के रूप में चुना गया था। उन्हें डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हकीम जेफरीज द्वारा खुफिया मामलों से संबंधित प्रतिनिधि सभा की स्थायी चयन समिति में काम करने के लिए भी चुना गया है।

भारतीय एअरलाइंस-बोइंग सौदे की हालिया घोषणा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह न केवल अमेरिका के लिए अच्छा है, बल्कि यह इस बात का उदाहरण भी है कि भारत अपने हवाई अड्डों का आधुनिकीकरण कर रहा है।

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