एनजीटी के निर्देश पर आला अधिकारियों ने देखी जहरीले पानी की हकीकत
एनजीटी की सख्ती के चलते प्रमुख पर्यावरण सचिव रेणुका कुमार और औद्योगिक विकास सचिवआलोक सिंह ने कानपुर में गंगा और टेनरियों से निकल रहे जहरीले पानी के निस्तारण के लिए आलाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान एनजीटी के कई मुद्दों पर चर्चा की गयी और जल्द समस्याओं के निस्तारण के आदेश भी दिए गये।
कानपुर: शुक्रवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की सख्ती के चलते रेणुका कुमार, प्रमुख सचिव पर्यावरण और आलोक सिंह, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास यहां गंगा और टेनरियों से निकल रहे जहरीले पानी के निस्तारण की हकीकत देखने पहुंचे। वहीं सर्किट हाउस में आलाधिकारियों के साथ बैठक भी की। बैठक के दौरान एनजीटी के कई मुद्दों पर चर्चा कर जल्द से जल्द इसका निस्तारण करने के आदेश भी दिए।
6 सप्ताह के अंदर पेश करनी होगी रिपोर्ट
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सर्किट हाउस में बैठक के दौरान प्रमुख सचिव पर्यावरण रेणुका कुमार और प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आलोक सिंह ने कहा कि एनजीटी द्वारा गंगा के 2 फेसों में सफाई की जानी है। जिसके लिए इस एनजीटी के प्रोजेक्ट को अधिकारियो को 6 सप्ताह में पूरा करके रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि एनजीटी ने गंगा में गिर रहे 86 नाले चिन्हित कर लिए हैं, वहीं कई छोटे नालों को भी चिंहित कर लिए गए है जिन्हें बन्द किया जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए बैठक की आवश्यकता नही है, जरूरत पड़ी तो आगे एक बैठक की जा सकती है। इस बैठक में उत्तर प्रदेश के जल निगम के चैयरमेन जीबी पटनायक भी मौजूद रहे।
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प्रमुख सचिव ने कहा कि जाजमऊ में क्रोमियम की समस्या ज्यादा सुनने को मिल रही है। जब उन्होंने इस बाबत आलाधिकारियों से पूछना चाहा कि इतना क्रोमियम कहाँ से आ रहा है, इसका जवाब कोई अधिकारी नही दे सके। उन्होंने बैठक के दौरान अधिकारियों को तकनीकी चीजों से सम्बंधित स्पष्ट निर्देश भी दिए। इस दौरान बैठक में डीएम, एडीएम, नगर आयुक्त और आलाधिकारी मौजूद रहे। बैठक के बाद टीमें सीसामऊ और जाजमऊ पहुंचकर कई जगहों का निरीक्षण किया। वही अधिकारियों से जल्द से जल्द मौजूद खामियों का निस्तारण करने के आदेश भी दिए।