ICC World Cup: विराट कोहली अपनी भूमिका को अच्छी तरह से समझते हैं: विक्रम राठौड़

डीएन ब्यूरो

भारत के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ ने कहा कि विराट कोहली टीम में अपनी भूमिका को अच्छी तरह से समझते हैं और कोच को उन पर बहुत अधिक ध्यान देने की जरूरत नहीं पड़ती है। पढ़िए डाईनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

विराट कोहली अपनी भूमिका को अच्छी तरह से समझते हैं: विक्रम राठौड़
विराट कोहली अपनी भूमिका को अच्छी तरह से समझते हैं: विक्रम राठौड़


मुंबई: भारत के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ ने कहा कि विराट कोहली टीम में अपनी भूमिका को अच्छी तरह से समझते हैं और कोच को उन पर बहुत अधिक ध्यान देने की जरूरत नहीं पड़ती है।

कोहली ने बुधवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व कप के पहले सेमीफाइनल में वनडे में 50वां शतक लगाकर सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को तोड़ा था।

भारत की 70 रन से जीत के बाद राठौड़ ने संवाददाताओं से कहा,‘‘वह (कोहली) अपनी क्रिकेट को अच्छी तरह से समझते हैं और हम केवल उनकी तैयारी में मदद करते हैं। अगर उन्हें किसी चीज की जरूरत होती है तो वह आकर पूछते हैं अन्यथा हम उन्हें अपनी तरह से तैयार होने की छूट देते हैं। वह जानते हैं कि उन्हें क्या करना है। वह जैसा चाहते हैं उसी तरह से बल्लेबाजी करते हैं।’’

उन्होंने कहा,‘‘सबसे महत्वपूर्ण सेमीफाइनल में जीत दर्ज करके फाइनल में जगह बनाना है। निश्चित तौर पर विराट का 50वां शतक वास्तव में विशेष है। वह अपनी क्रिकेट और फिटनेस पर वास्तव में कड़ी मेहनत करता है। वह अब भी रनों का भूखा है।’’

इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा कि भारत की सफलता का राज अपनी रणनीति पर अच्छी तरह से अमल करना है।

राठौड़ ने कहा,‘‘वे सभी कड़ी मेहनत कर रहे हैं और उन्होंने इस टूर्नामेंट के लिए अच्छी तरह से तैयारी की थी। यह देखना अच्छा है कि सभी रणनीति पर अच्छी तरह से अमल कर रहे हैं। हमने परिस्थितियों से अच्छी तरह से सामंजस्य बिठाया है। ’’

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार राठौड़ ने कहा कि मोहम्मद शमी और रविचंद्रन अश्विन जैसे खिलाड़ियों को पर्याप्त मैच नहीं मिलने के बावजूद उन्हें सही मानसिकता में बनाए रखने का श्रेय टीम प्रबंधन को जाता है।

उन्होंने कहा,‘‘वह (शमी) विशेष गेंदबाज है। वह वास्तव में शानदार गेंदबाजी कर रहा है। वह पहले कुछ मैच में इसलिए नहीं खेल पाया क्योंकि हम जिस तरह का संयोजन चाहते थे उसमें उसे टीम में लेना मुश्किल था। इसका श्रेय प्रबंधन को जाता है कि जब वह नहीं खेल रहा था तब भी वह अच्छी मानसिकता में था। हम देख सकते हैं कि दुनिया का सर्वश्रेष्ठ स्पिनर भी अंतिम एकादश में जगह नहीं बन पा रहा है।










संबंधित समाचार