मैं किसान का बेटा हूं, मुझे पानी की कीमत पता है, डैम का भी हेल्थ चेकअप जरुरी, उपराष्ट्रपति धनखड़

डीएन ब्यूरो

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बांधों को मानवता के लिए वरदान करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि बांधों की सुरक्षा राष्ट्र की समृद्धि को सुनिश्चित करती है। वे यहां बांध सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बांध सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बांध सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन


जयपुर: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बांधों को मानवता के लिए वरदान करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि बांधों की सुरक्षा राष्ट्र की समृद्धि को सुनिश्चित करती है। वे यहां बांध सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार धनखड़ ने कहा कि बांध ऐतिहासिक रूप से पूरी दुनिया में सामाजिक और आर्थिक समृद्धि का केंद्र बिंदु रहे हैं। उन्होंने कहा कि बांध मानवता के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं क्योंकि बांध समाज के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं, जिससे सिंचाई होती है और अनाज उपजता है। यही अनाज पूरी मानवता का पेट भरता है।

धनखड़ ने खुद को कृषक पुत्र बताया और अपने ग्रामीण परिवेश का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें पानी का महत्व पता है। उन्होंने कहा कि किसान के लिए पानी की कीमत क्या होती है, यह वह भलीभांति जानते हैं।

उन्होंने कहा कि बांध ना सिर्फ बाढ़ जैसी विभीषिका से बचाते हैं, बल्कि लाखों लोगों के जीवन के साथ-साथ देश की अमूल्य संपत्ति की भी रक्षा करते हैं।

एक बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि नदियों ने अपने जल से सभ्यता को सींचा है। उन्होंने कहा कि भारत में जल प्रबंधन की जड़े सदियों पुरानी हैं, भारती की सभ्यता में जल प्रबंधन के बेजोड़ उदाहरण उपलब्ध हैं।

अपनी इस यात्रा के दौरान धनखड़ ने जल शक्ति मंत्रालय के राष्ट्रीय जल मिशन का संदेश प्रदान करने के उद्देश्य से कामाख्या एक्सप्रेस के ‘विनायल रैपिंग’ युक्त रेक को जयपुर से वीडियो कॉन्फ्रेस के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर वाराणसी स्टेशन से रवाना किया।

इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार व राजस्थान के जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय भी मौजूद रहे।










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