Uttar Pradesh: दहेज हत्या के मामले में दोषी पति को अदालत ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की अदालत ने करीब दो दशक पूर्व हुई दहेज हत्या के मामले में पति को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास एवं 15 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

सांकेतिक तस्वीर (फ़ाइल)
सांकेतिक तस्वीर (फ़ाइल)


गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की अदालत ने करीब दो दशक पूर्व हुई दहेज हत्या के मामले में पति को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास एवं 15 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) विनय कुमार सिंह ने बुधवार को बताया कि जिले के कौड़िया थाना क्षेत्र के रहने वाले जनार्दन प्रसाद पांडेय ने 28 फरवरी 2004 को स्थानीय थाने में शिकायत दी कि उनकी भतीजी की शादी करीब पांच साल पूर्व थाना क्षेत्र के ही ग्राम बौनापुर निवासी विनयकांत शुक्ल उर्फ बाबू के साथ हुई थी।

शिकायत में कहा गया था कि भतीजी के ससुराल वाले दहेज में मोटरसाइकिल एवं सोने की जंजीर की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित करते थे।

उन्‍होंने ब‍ताया कि घटना के दिन करीब 12 बजे पम्मी के ससुर शिव सहाय ने उनके घर पर आकर सूचना दी कि उनकी भतीजी की मौत हो गयी है। शिकायत में कहा गया था कि वह बेटी की ससुराल गए तो देखा कि वह अपने कमरे में मृत पड़ी थी।

इस सूचना पर स्थानीय पुलिस ने सुसंगत धाराओं में अभियोग दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

विवेचक ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट तथा अन्य साक्ष्यों के आधार पर पति के खिलाफ दहेज हत्या करने का आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया।

सिंह के अनुसार, अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) पूजा सिंह ने साक्ष्यों को देखने और अभियोजन एवं बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं को सुनने के उपरान्त निर्णय सुनाते हुए बाबू को आजीवन कारावास और 15 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।










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