दिल्ली में मच्छर भगाने की अगरबत्ती से घर में लगी आग, छह लोगों की मौत
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के शास्त्री पार्क इलाके में एक घर में मच्छर भगाने के लिए जलाई गयी अगरबत्ती (मॉस्क्विटो कॉइल) से आग लग गयी, जिससे एक बच्चे समेत छह लोगों की दम घुटने से मौत हो गयी। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली के शास्त्री पार्क इलाके में एक घर में मच्छर भगाने के लिए जलाई गयी अगरबत्ती (मॉस्क्विटो कॉइल) से आग लग गयी, जिससे एक बच्चे समेत छह लोगों की दम घुटने से मौत हो गयी। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने कहा कि आग लगने से उठे जहरीले धुएं में सांस लेने के कारण वे बेहोश हो गए, जिसके बाद उनकी मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि चार शव सीढ़ियों पर मिले और एक बच्चा पहली मंजिल पर कमरे के अंदर पाया गया। आग में झुलसे दो लोगों का इलाज किया जा रहा है। तीन को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
पुलिस ने कहा कि निवासी रमजान के दौरान भोर से पहले होने वाला भोजन (सेहरी) खाने के बाद सो गए थे और उसके बाद आग लग गई।
पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पूर्व) जॉय तिर्की ने बताया कि पुलिस को सुबह करीब नौ बजे सूचना मिली कि शास्त्री पार्क के मच्छी मार्केट में मजार वाला रोड पर एक घर में आग लग गयी है। घटनास्थल पर पहुंचने के बाद पुलिस को पता चला कि नौ लोगों को जगप्रवेश चंद्र हॉस्पिटल ले जाया गया है।
दमकल विभाग ने कहा कि आग बुझाने के लिए पानी की तीन गाडिय़ां भेजी गईं।
मृतकों की पहचान हमजा (3), पशीरुल उर्फ दीपाई (36), जहीउद्दीन उर्फ मिलू, दिनेश (26), उनकी पत्नी निशा (25) और फजलू चौधरी (40) के रूप में हुई है।
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पुलिस ने कहा कि जहीरुल (50) और सोनी (15) झुलस गए और उनका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है, जबकि मति-उर-रहमान (40), ताजू दास (38) और अजमत अली (38) को अस्पताल छुट्टी दे दी गई है।
घर के मालिक अकबर अली ने कहा कि मारे गए चार लोग इस सप्ताह वहां किराए पर रहने आए थे।
ई-रिक्शा पार्किंग में रखवाली करने वाले अली ने कहा, “वे बिहार के रहने वाले थे और रिक्शा चलाते थे। मेरे भाई असगर ने उन्हें किराए पर कमरा दिया था।”
पांचवां व्यक्ति भी किराएदार था। मरने वाला बच्चा अली का भतीजा था।
अली ने कहा, “मेरे भाई अजमत और उनकी बेटी सोनी घायल हो गई, जबकि उनके बेटे हमजा की मौत हो गई।”
उन्होंने कहा कि उनका परिवार दूसरे गेट से घर से बाहर निकल गया।
अली ने कहा कि जब आग लगी तो उनके भाई की पत्नी शुमाएला ने उन्हें जगाया।
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उन्होंने कहा, “मैं अपने कमरे में सो रहा था, तभी शुमाएला ने दरवाजा खटखटाया और मुझे बताया कि उसके कमरे में आग लग गई है। मैंने तुरंत आग को बुझाने की कोशिश की, जो पूरे बिस्तर तक फैल गई थी। भूतल पर लगी आग से मकान का पहला तल पूरी तरह से धुएं से भर गया।
अली ने कहा, “मैंने अजमत के बच्चों अराम, फरहान और माहिरा को बचा लिया, लेकिन धुएं के कारण हमजा को नहीं ढूंढ सका।”
उन्होंने कहा कि आग लगने के समय घर में 20-25 लोग थे।
हमजा की मां नाजरीन ने कहा कि हमजा उसके पांच बच्चों में सबसे छोटा था।
नाजरीन ने कहा, “सेहरी के बाद हम सुबह करीब 5 बजे सोने चले गए। आग में, मैंने अपने सबसे छोटे बच्चे हमजा को खो दिया, जबकि मेरे पति अजमत अली और सोनी झुलस गए।”
अकबर अली के एक रिश्तेदार हाशिम ने कहा कि उन्होंने घर के अंदर से पांच लोगों को बाहर निकाला।
उन्होंने कहा, “मैं घर के भूतल पर रहता हूं और एक अन्य व्यक्ति के साथ गीले कपड़े से अपना चेहरा ढंकने के बाद ऊपर चला गया। बहुत धुआं था। चार लोगों के शव पहली मंजिल पर सीढ़ियों पर पड़े थे, जबकि हमजा कमरे के अंदर मृत पाया गया।”