लोकसभा चुनाव से पूर्व विपक्षी मोर्चे की अटकलों के बीच एच डी देवेगौड़ा का बड़ा बयान, जानिये क्या कहा

डीएन ब्यूरो

अगले आम चुनाव से पूर्व भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने के प्रयासों को लेकर कोई आशावादी रुख जाहिर किए बिना जनता दल (सेक्युलर) के सुप्रीमो एच डी देवेगौड़ा ने मंगलवार को कहा कि वह यह नहीं बता सकते कि कौन सी पार्टी सांप्रदायिक है और कौन सी नहीं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

जनता दल सेक्युलर के सुप्रीमो एच डी देवेगौड़ा
जनता दल सेक्युलर के सुप्रीमो एच डी देवेगौड़ा


बेंगलुरु: अगले आम चुनाव से पूर्व भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने के प्रयासों को लेकर कोई आशावादी रुख जाहिर किए बिना जनता दल (सेक्युलर) के सुप्रीमो एच डी देवेगौड़ा ने मंगलवार को कहा कि वह यह नहीं बता सकते कि कौन सी पार्टी सांप्रदायिक है और कौन सी नहीं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि क्या देश में कोई ऐसी पार्टी है जिसका भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई संबंध नहीं है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने की कोशिश के बारे में एक सवाल पर देवेगौड़ा ने कहा, ‘‘मैं इस देश की राजनीति का विस्तार से विश्लेषण कर सकता हूं, लेकिन क्या फायदा? मुझे एक ऐसी पार्टी दिखाइए, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा से जुड़ी नहीं है। मुझे पूरे देश में एक पार्टी दिखाइए, तब मैं जवाब दूंगा।’’

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘कांग्रेस के कुछ नेता कह सकते हैं- लेकिन, क्या वे करुणानिधि (द्रमुक) के पास नहीं गए, जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से छह साल तक भाजपा का समर्थन किया था...।’’

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इसलिए मैं इस देश में राजनीतिक माहौल पर चर्चा नहीं करना चाहता। इसकी कोई आवश्यकता नहीं है, मैंने इसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद के रूप में देखा है...महाराष्ट्र में क्या हुआ? मैं कई घटनाओं का जिक्र कर सकता हूं।’’

समान विचारधारा वाले दलों के अनुरोध पर भाजपा के खिलाफ मोर्चा बनाने या इसमें शामिल होने के सवाल पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए देवेगौड़ा ने कहा, ‘‘कौन सांप्रदायिक है, कौन सांप्रदायिक नहीं है, मुझे नहीं पता। सबसे पहले सांप्रदायिक और गैर सांप्रदायिक की परिभाषा तय हो जाए, फिर बहुत गुंजाइश है।’’

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 12 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी। अब इस कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है।

मीडिया के एक धड़े में ऐसी खबरें आई हैं कि जद(एस) 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन करेगा। इस संबंध में देवेगौड़ा ने कहा कि वह और उनकी पार्टी ऐसी बातों पर ध्यान नहीं देते।

देवेगौड़ा ने कहा, ‘‘आम चुनाव के संबंध में, कई तरह की चीजें हैं, हम इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। हमारी ताकत हमारे कार्यकर्ता हैं। उन्हें एकजुट और प्रोत्साहित करके क्षेत्रीय पार्टी को मजबूत करने, इसे बचाने और आगे बढ़ाने की दिशा में काम करना होगा।’’

पड़ोसी राज्यों तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में मजबूत क्षेत्रीय दलों की मौजूदगी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘उस दिशा में हमें युवाओं को और अधिक ताकत देकर जद(एस) को मजबूत करने की दिशा में प्रयास करना होगा।’’

देवेगौड़ा ने यह भी कहा कि उन्होंने पार्टी को मजबूत करने के लिए सभी समुदायों के प्रतिनिधित्व वाली ‘‘उच्च स्तरीय’’ समिति के गठन की सलाह दी है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह एक बार फिर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, देवेगौड़ा ने कहा कि वह अब 91 साल के हैं और यह सवाल ही नहीं उठता।

जद(एस) सुप्रीमो ने कहा, ‘‘आम चुनाव में कितने उम्मीदवार उतारे जाएंगे और कहां से, यह सब बाद में तय किया जाएगा। प्राथमिकता जिला, तालुक और निगम चुनावों में मजबूती से लड़ना है। उसके बाद हम आम चुनाव देखेंगे, हम जहां भी चुनाव लड़ेंगे, वहां हम अपनी ताकत के आधार पर ऐसा कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आरएसपी और कम्युनिस्ट पार्टी के साथ हमारा गठबंधन था, इस संबंध में हमारे नेता फैसला करेंगे।’’

देवेगौड़ा ने कहा कि उन्होंने हाल में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन और आगामी जिला, तालुक और निगम चुनावों तथा लोकसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए पार्टी नेताओं की एक बैठक बुलाई है।

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस या भाजपा या उनके द्वारा किए गए वादों और उनके क्रियान्वयन के बारे में नहीं बोलना चाहता। हमारे सामने आगामी चुनाव है... मैं पार्टी के सभी नेताओं, खासकर युवाओं से पार्टी के निर्माण और चुनाव की तैयारी के लिए काम करने का आह्वान करता हूं।’’










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