पतंजलि योगपीठ हरिद्वार में 75 करोड़ सूर्य नमस्कार का विश्व रिकार्ड बनाने का संकल्प, युवा शक्ति को योग से जोड़ने की बड़ी मुहिम

डीएन ब्यूरो

मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, योग गुरू स्वामी रामदेव और योगाचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि योगपीठ हरिद्वार में 75 करोड़ सूर्य नमस्कार का विश्व कीर्तिमान बनाने का संकल्प लेने के साथ ही इसके लिये डेडिकेटेड वेबसाइट का लोकर्पण किया। पढ़िये पूरी रिपोर्ट



हरिद्वार: आजादी की 75वें वर्षगांठ पर देश भर में मनाये जा रहे अमृत महोत्सव के तहत पतंजलि योगपीठ हरिद्वार में 75 करोड़ सूर्य नमस्कार का विश्व कीर्तिमान बनाने का संकल्प लिया गया। इसके लिये मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, योग गुरू स्वामी रामदेव और योगाचार्य बालकृष्ण ने एक वेबसाइट का लोकर्पण भी किया, जिस पर देश और दुनिया के लोग सूर्य नमस्कार के विश्व कीर्तिमान से जुड़ने के लिये अपना पंजीकरण कर सकेंगे।   

शिवराज सिंह चौहान ने 75 करोड़ सूर्य नमस्कार संकल्प के लिए पंजीकरण का शुभारंभ एवं वेबसाइट का लोकर्पण किया और योग गुरू स्वामी रामदेव और योगाचार्य बालकृष्ण के साथ मिलकर सूर्य नमस्कार भी किया। इस मौके पर सीएम शिवराज ने मध्य प्रदेश में भी योग आयोग के गठन करने की घोषणा की। पत्नी सहित इस कार्यक्रम में पहुंचे शिवराज सिंह चौहान ने पतंजलि विश्वविद्यालय में आयोजित 'वैश्विक चुनौतियों का सनातन समाधान-एकात्म बोध' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में अपना व्याख्यान भी दिया। 

पतंजलि विश्वविद्यालय के बड़ी संख्या में उपस्थित छात्रों और गणमान्य लोगों की उपस्थिति में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योग गुरू स्वामी रामदेव ने कहा कि हमारे लिये सारा विश्व ही एक परिवार है। इस एकात्मवाद एकात्मवाद के भाव के साथ कार्य करते हुए हम विश्व की समस्त वैश्विक समस्याओं का निदान कर सकते हैं। 

स्वामी रामदेव ने कहा कि सब संस्थायें इस राष्ट वंदना के ऐतिहासिक कार्यक्रम में सहभागी बनें।  अभी प्रथम दृष्टया राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रहे 5 संस्थान आगे आये है और एकात्म होकर इस संकल्प को पूरा करने का कार्य आरम्भ कर रहे हैं, जिसमें- गीता परिवार से लेकर, विद्या भारती, क्रीड़ा भारती, पूरा पतंजलि परिवार, हार्टपफुलनेस एवं नेशनल योगासन स्पोर्ट्स पफेडरेशन विशेष कार्य योजना बनाकर कार्य कर रहे हैं।

स्वामी रामदेव ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों का समाधन तो केवल योग और अध्यात्म के मार्ग से और एकात्मता के मार्ग से ही निकलेगा और इस संसार में यह जो महामारियां है, रोग है, नशा है, दुख-दर्द, अहिंसा, झूठ, बेईमानी, कदाचार है, व्यभिचार है, असुचिता, असंतोष है, विलासिता है। इस संसार के अंदर उनका समाधन अष्टांग योग के मार्ग से ही निकलेगा।

इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति का मूल तत्व है और सूर्य नमस्कार के माध्यम से मातृभूमि का वन्दन, स्वतन्त्राता की 75वीं वर्षगाँठ पर 75 करोड़ सूर्य नमस्कार की आवृत्तियों के माध्यम से, राष्ट्र में युवाशक्ति को योग एवं राष्ट्रप्रेम से जोड़ेगा।

75 करोड़ सूर्य नमस्कार का विश्व कीर्तिमान से जुड़ने के इच्छुक खुद को www.75suryanamaskar.com पर पंजीकृत कर सकते हैं। इसमें 30 हजार शैक्षणिक संस्थान, 30 लाख योग साधक एवं छात्र भी भाग लेंगे। आयोजन के बाद प्रत्येक प्रतिभागी को प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा।










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