Happy Vinayak Chaturdashi: जानिए विनायक चतुर्थी के 10 दिनों का महत्व

डीएन ब्यूरो

हिंदू धर्म के लोगों के लिए गणेश उत्सव का खास महत्व है। इस दौरान लोग अपने घर में भगवान गणेश की मूर्ति को लेकर आते हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

विनायक चतुर्थी का महत्व
विनायक चतुर्थी का महत्व


नई दिल्ली: हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024) का पर्व बहुत महत्व है। इस विशेष पर्व को भगवान गणेश (Lord Ganesha) के जन्म उत्सव के रुप में मनाया जाता है। ज्ञान और बुद्धि के देवता श्री गणेश के लिए भाद्रपद माह (Bhadrapad Month) के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था। लेकिन इस पर्व को अगले 10 दिनों तक मनाया जाता है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विनायक चतुर्थी (vinayak Chaturdashi) का उत्सव 7 सितंबर से शुरू हो रहा है। 10 दिनों तक यानी अनंत चतुर्दशी गणेश महोत्सव की धूम रहेगी। शनिवार के दिन भक्त अपने घर में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करेंगे और सुबह शाम बप्पा की पूजा-अर्चना करेंगे। साथ ही, उनके पसंदीदा व्यंजन मोदक आदि का भोग भी लगाएंगे।

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गणेश चतुर्थी की धूम

कब है गणेश चतुर्थी?

भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि के दिन हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है, जिसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन होता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार गणेश चतुर्थी का त्योहार 7 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा। वहीं मूर्ति का विसर्जन यानी अनंत चतुर्दशी का त्योहार 17 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा। गणेश चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा की पूजा के शुभ मुहूर्त का आरंभ सुबह 11 बजकर 03 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन दोपहर में 01:33 मिनट पर होगा।

क्यों मनाते हैं गणेश चतुर्थी
माता पार्वती और भगवान शिव के पुत्र गणपति के जन्मदिवस के मौके पर 10 दिनों का उत्सव मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 7 सितंबर 2024, शनिवार को मनाया जा रहा है। यह पर्व गणेश चतुर्थी से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी तक मनाया जाता है। अनंत चतुर्दशी के दिन पवित्र नदी या घर में ही पानी के टप में गणपति बप्पा का विसर्जन किया जाता है। 

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यह पर्व मुख्य रूप से बुद्धि का देवता यानी गणेश जी को समर्पित है। गणेश उत्सव 10 दिनों तक चलता है, जिनकी शुरुआत भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी पर होती है और समापन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि गणेश चतुर्थी पर आप किस प्रकार घर में गणेश जी की स्थापना (Ganesh Sthapana Vidhi 2024) कर सकते हैं।

10 दिनों तक क्यों मनाते हैं गणेश उत्सव?
ऐसी मान्यता है कि वेदव्यास जी ने भगवान गणेश से महाभारत ग्रंथ लिखने की प्रार्थना की। भगवान गणेश ने बिना रुके 10 दिनों तक महाभारत लिखी। इस दौरान एक ही स्थान पर लगातार लेखन करने के कारण गणेश जी के शरीर पर धूल और मिट्टी जम गई और 10वें दिन गणेश जी ने सरस्वती नदी में स्नान करके शरीर पर जमी धूल और मिट्टी को साफ किया। तभी से गणेश उत्सव के 10 वें दिन गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है।










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