Gujarat: उद्योग समर्थक नीतियों से गुजरात को सभी क्षेत्रों में निवेश जुटाने में मदद मिली

डीएन ब्यूरो

गुजरात सरकार की उद्योग समर्थक नीतियों से राज्य को सभी क्षेत्रों में निवेश जुटाने में मदद मिली है। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार भारत की आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

प्रतीकात्मक छवि
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अहमदाबाद, 31 दिसंबर (भाषा) गुजरात सरकार की उद्योग समर्थक नीतियों से राज्य को सभी क्षेत्रों में निवेश जुटाने में मदद मिली है। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार भारत की आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

पिछले दो दशकों में वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के नौ संस्करण आयोजित किए जा चुके हैं। इस कड़ी में 10 से 12 जनवरी, 2024 के बीच गांधीनगर में आयोजित होने शिखर सम्मेलन के 10वें संस्करण से राज्य की इस प्रतिबद्धता को बल मिलेगा।

अधिकारियों ने कहा कि राज्य का लक्ष्य ‘आत्मनिर्भर गुजरात’ के जरिये केंद्र के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य का समर्थन करना है। इसके लिए उद्योगों को आकर्षित करने के उपाय किए जा रहे हैं।

उन्होंने राज्य की प्रगतिशील नीतियों के लिए आर्थिक वृद्धि के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को श्रेय दिया।

सरकार ने बयान में कहा, ‘‘वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन ने पिछले दो दशक में 55 अरब अमेरिकी डॉलर के प्रभावशाली विदेशी निवेश को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने 2022-23 में भारत के निर्यात में 33 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया है, जो देश में सबसे अधिक है।’’

बयान के मुताबिक, सक्रिय उपाय और अनुकूल नीतियां निवेश के लिए वैश्विक केंद्र बनने की गुजरात की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती हैं।

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि पांच अक्टूबर, 2022 को शुरू की गई 'उद्योगों की सहायता के लिए आत्मनिर्भर गुजरात योजना' उद्योगों को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का हिस्सा बनने में मदद करेगी।

पटेल ने कहा, ‘‘यह योजना गुजरात के छोटे और बड़े उद्योगों को समर्थन देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगी।’’

गुजरात औद्योगिक विकास निगम (जीआईडीसी) के वाइस-चेयरमैन और प्रबंध निदेशक राहुल गुप्ता ने कहा कि योजना के तहत सरकार पूंजीगत सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी और बिजली शुल्क छूट जैसे उपायों के जरिये एमएसएमई और अन्य क्षेत्रों को वित्तीय सहायता दे रही है।

उन्होंने कहा कि पिछली नीतियों के उलट इस बार उभरते क्षेत्रों पर काफी जोर दिया गया है। इनमें हरित हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण, ड्रोन विनिर्माण और अंतरिक्ष संबंधित विनिर्माण शामिल हैं।

राज्य की नयी औद्योगिक नीति के बारे में कोलियर्स इंडिया के कार्यकारी निदेशक और सलाहकार सेवाओं के प्रमुख स्वप्निल अनिल ने कहा कि इसके जरिये गुजरात ने विनिर्माण क्षेत्र के लिए लगभग 34.7 प्रतिशत प्रोत्साहन और लाभ आवंटित किए हैं।

उन्होंने कहा कि गुजरात ने 2023 में घरेलू और विदेशी विनिर्माताओं से 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हासिल किया है।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय










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