देश की इस कंपनी में अपनी शेष हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में सरकार, वेदांता से बातचीत, जानिये पूरा अपडेट

सरकार सार्वजनिक पेशकश के जरिये बाल्को में अपनी शेष 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है और इसके लिए कंपनी की प्रवर्तक वेदांता से मध्यस्थता मामले को वापस लेने के लिए बातचीत कर रही है। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने यह जानकारी दी है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Updated : 4 June 2023, 12:53 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: सरकार सार्वजनिक पेशकश के जरिये बाल्को में अपनी शेष 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है और इसके लिए कंपनी की प्रवर्तक वेदांता से मध्यस्थता मामले को वापस लेने के लिए बातचीत कर रही है। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने यह जानकारी दी है।

उन्होंने कहा कि हम वेदांता से मध्यस्थता मामले को वापस लेने को कह रहे हैं जिससे कंपनी की शेयर बाजारों में सूचीबद्धता सुनिश्चित की जा सके।

उन्होंने कहा कि खान मंत्रालय और दीपम ने वेदांता लिमिटेड के साथ ‘शुरुआती बातचीत’ की है। वेदांता पूर्ववर्ती बाल्को की प्रवर्तक थी। बाल्को को 2009 का एक मध्यस्थता मामला वापस लेना होगा जो उसने सरकार के खिलाफ शेष हिस्सेदारी के मूल्यांकन विवाद में दायर किया था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पांडेय ने  कहा, ‘‘हमने प्रवर्तकों के साथ शुरुआती बातचीत की है। हम उनके साथ विस्तार से बातचीत करेंगे। अगर हमें कंपनी को सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कराना है तो वेदांता को मामला वापस लेना होगा। अगर वे सहमत होंगे तो हम इस मामले में आगे बढ़ सकते हैं।’’

सरकार अंततः कंपनी से बाहर निकलने से पहले आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये बाल्को में अपनी 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहती है। शेयर बाजार में सूचीबद्धता से बाल्को के उचित मूल्यांकन का पता चल सकेगा।

सरकार ने 2001 में पूर्ववर्ती सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (बाल्को) में अपनी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी वेदांता लिमिटेड की अनुषंगी स्टरलाइट इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 551 करोड़ रुपये में बेची थी। इसकी शेष 49 प्रतिशत सरकार के पास है।

Published : 
  • 4 June 2023, 12:53 PM IST

Related News

No related posts found.