Gonda: हत्या के मामले में दो बेटों समेत पिता को आजीवन कारावास की सजा

डीएन ब्यूरो

गोंडा जिले की एक अदालत ने 11 वर्ष पूर्व हत्या के एक मामले में एक व्‍यक्ति और उसके दो बेटों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।

आजीवन कारावास (फाइल)
आजीवन कारावास (फाइल)


गोंडा: गोंडा जिले की एक अदालत ने 11 वर्ष पूर्व हत्या के एक मामले में एक व्‍यक्ति और उसके दो बेटों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) विनय कुमार सिंह ने शुक्रवार को बताया कि मामले में अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) पूजा सिंह ने उपलब्ध साक्ष्यों तथा अभियोजन व बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनने के उपरान्त खजुरी तुर्काडीहा निवासी दो सगे भाइयों मुकेश और विनय बहादुर तथा उनके पिता श्रीप्रकाश को दोषी करार देते हुए उम्रकैद व 25-25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की अदायगी न करने पर तीनों को एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

गोंडा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) आकाश तोमर ने बताया कि अभियुक्तों को सजा दिलाने में मॉनिटरिंग सेल व थाना मोतीगंज के पैरोकार मुख्य आरक्षी धनवंत कुमार यादव ने प्रभावी भूमिका निभाई।

विनय कुमार सिंह ने घटना के संदर्भ में बताया कि जिले के मोतीगंज थाना क्षेत्र के निवासी बिशुन कुमार ने 19 अप्रैल 2012 को स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी कि उसने अपनी बहन श्रीमती की शादी खजुरी तुर्काडीहा निवासी मुकेश के साथ वर्ष 2008 में की थी। शादी के बाद से ही बहन को दहेज के लिए ससुराली जन प्रताड़ित करते थे।

बिशुन कुमार ने आरोप लगाया था कि घटना के दिन वह अपनी बहन के ससुराल अपने भाई विनय कुमार के साथ गये थे जहां बातचीत के दौरान मुकेश ने विनय को चाकू मार दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। विनय की अस्पताल ले जाते समय मृत्यु हो गयी।

पुलिस ने हत्या सहित सुसंगत धाराओं में मुकेश, उसके भाई विनय बहादुर और पिता श्रीप्रकाश के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

 










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