Uttar Pradesh: यूपी में बड़ा हादसा, मुरादनगर में श्मशान घाट की छत गिरने से 16 लोगों की दबकर मौत, कई मलबे में फंसे

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश से एक बड़े हादसे की खबर आ रही है। मुरादनगर में श्मशान घाट की छत गिरने से अब तक 16 लोगों की मौत हो गई। कई लोग दब गये हैं। डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट

मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी
मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी


गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से थोड़ी दूरी पर स्थित मुरादनगर में रविवार को एक बड़ा हादसा हो गया। एक शख्स के अंतिम संस्कार के समय उखलारसी श्मशान घाट की छत अचानक गिर गई। छत गिरने से अब तक 16 लोगों की मौत होने की खबर सामने आ रही है, जबकि कई लोग मलबे में दब हुए हैं। इस हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जतायी जा रही है। हादसे की सूचना के बाद मौके पर राहत और बचाव का कार्य जारी है। 

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मलबे में फंसे लोगों को निकालने का काम शुरू कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही जिले के तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंच गये और घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक लगभग दो दर्जन लोग अब भी मलबे में दबे हो सकते हैं।   

जानकारी के मुताबिक स्थानीय दयानंद कॉलोनी निवासी दयाराम की बीती रात मौत हो गयी थी। रविवार सुबह उखरानी-बम्बा रोड  स्थित उखलारसी श्मशान घाट पर दयाराम का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। इस मौके पर वहां 100 से ज्यादा लोगों के शामिल होने की बात कही जा रही है। रूक-रूक हो रही बारिश के कारण सभी लोग श्मशान घाट परिसर में बने भवन के अंदर खड़े थे, तभी यह हादसा हुआ। बड़ी संख्या में लोग लैंटर गिरने से उसके नीचे दब गये।

बताया जाता है कि अंतिम संस्कार के दौरान सभी लोगों श्मशान घाट परिसर में बने भवन के अंदर खड़े होकर शांति पाठ कर रहे थे। इसी दौरान वहां लेंटर गिर गया और अधिकतर लोग मलबे में दब गये। कुछ लोगों की मौके पर ही दबकर मौत हो गयी। उनके शवों को बाहर निकाला जा रहा है। हादसे में लगभग 50 लोगों के दबकर घायल होने की बात कही जा रही है। बड़ी संख्या में लोगों के मलबे में फंस जाने के कारण वहां चीख पुकार मच गयी। इस हादसे में मृतकों की संख्या बढ सकती है।

हालांकि स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की सही संख्या की पुष्ठि नहीं की है लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मलबे में बड़ी संख्या में लोग दब गये है, और मृकतों की संख्या लगातार बढञती जा रही है। राहत और बचाव का कार्य पूरा होने के बाद ही मृतकों और घायलों की सही संख्या का पता चल सकेगा।










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