गौतम अडाणी ने सात लाख करोड़ रुपये निवेश की 'हरित' पहलों का ब्योरा दिया

डीएन ब्यूरो

अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने अगले 10 वर्षों में पूंजीगत व्यय के रूप में सात लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना से संबंधित कुछ विवरण साझा किए हैं। इस निवेश से बुनियादी ढांचे के विकास में समूह की स्थिति और मजबूत होगी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

गौतम अडाणी ने सात लाख करोड़ रुपये निवेश की 'हरित' पहलों का ब्योरा दिया
गौतम अडाणी ने सात लाख करोड़ रुपये निवेश की 'हरित' पहलों का ब्योरा दिया


नयी दिल्ली: अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने अगले 10 वर्षों में पूंजीगत व्यय के रूप में सात लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना से संबंधित कुछ विवरण साझा किए हैं। इस निवेश से बुनियादी ढांचे के विकास में समूह की स्थिति और मजबूत होगी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक अडाणी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर समूह की निवेश योजनाओं के तहत अपनी 'हरित' पहलों के बारे में जानकारी दी है।

अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस ने शेयर बाजार को बताया कि समूह ने भारत में सबसे बड़े बुनियादी ढांचा विकासकर्ता के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए अगले 10 वर्षों में सात लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने की योजना बनाई है।

समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड खनन, हवाई अड्डों, रक्षा एवं वैमानिकी, सौर विनिर्माण, सड़क, मेट्रो और रेल, डेटा केंद्रों और संसाधन प्रबंधन तक कारोबार का विस्तार कर रही है।

समूह का बंदरगाह व्यवसाय हरित अभियान पर खासतौर से ध्यान दे रहा है।

अडाणी ने एक्स पर लिखा, ''हम वर्ष 2025 तक देश में एकमात्र कार्बन-तटस्थ बंदरगाह संचालक के रूप में एक राष्ट्रीय मानदंड स्थापित करेंगे और वर्ष 2040 तक एपीएसईजेड शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल कर लेगी।''

उन्होंने लिखा, ''हमारे जलवायु-अनुकूल बदलावों में सभी क्रेनों का विद्युतीकरण करना, सभी डीजल-आधारित वाहनों को बैटरी-आधारित वाहनों में बदलना शामिल है। इसके अतिरिक्त 1000 मेगावाट की आंतरिक नवीकरणीय क्षमता भी स्थापित की जाएगा।''

अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) देश की सबसे बड़ी बंदरगाह परिचालक है। इसके देश के पूर्वी और पश्चिमी दोनों तटों पर बंदरगाह हैं।

उन्होंने कहा, ''पर्यावरण सुरक्षा के लिए हमारा समर्पण हमारे विस्तारित मैंग्रोव वृक्षारोपण से भी दिखता है। इसे वित्त वर्ष 2024-25 तक 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में बढ़ाना है। यह हरित भविष्य की दिशा में एक और कदम है। साथ ही जलवायु प्रबंधन के लिए हमारी प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।''

गुजरात के कच्छ रेगिस्तान में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य की तस्वीरें साझा करते हुए अडाणी ने कहा कि उनका समूह ''दुनिया का सबसे बड़ा हरित ऊर्जा पार्क'' बना रहा है।

उन्होंने कहा कि इस रेगिस्तान के 726 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली यह विशाल परियोजना अंतरिक्ष से भी दिखाई देती है। हम दो करोड़ से अधिक घरों को बिजली देने के लिए 30 गीगावाट बिजली का उत्पादन करेंगे। इसके अलावा एक परियोजना का निर्माण मुंद्रा में भी किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि समूह की शहरी गैस फर्म अडाणी टोटल गैस लिमिटेड बड़े पैमाने पर विस्तार कर रही है।

इसके साथ ही अडाणी ने कहा कि शहरी इलाकों में गैस की आपूर्ति करने वाली अडाणी टोटल गैस लिमिटेड सीएनजी और पाइपयुक्त प्राकृतिक गैस, संपीडित बायोगैस एवं ई-मोबिलिटी की दिशा में व्यापक प्रसार कर रही है।

 










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