

कांग्रेस ने अपनी कार्य समिति में इजराइल-फलस्तीन मुद्दे पर पारित प्रस्ताव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हमले के बाद पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि भाजपा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उस भाषण को भूल गई, जिसमें उन्होंने फलस्तीनी लोगों के अधिकारों की पैरवी की थी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: कांग्रेस ने अपनी कार्य समिति में इजराइल-फलस्तीन मुद्दे पर पारित प्रस्ताव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हमले के बाद पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि भाजपा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उस भाषण को भूल गई, जिसमें उन्होंने फलस्तीनी लोगों के अधिकारों की पैरवी की थी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पार्टी सांसद गौरव गोगोई ने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा अपनी आंतरिक कलह और विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए फलस्तीन के विषय को लेकर उस पर हमले कर रही है।
भारत के मुख्य विपक्षी दल की कार्य समिति ने सोमवार को अपनी बैठक में पारित प्रस्ताव में पश्चिम एशिया में तत्काल संघर्षविराम का आह्वान किया था और कहा था कि वह फलस्तीनी लोगों के जमीन, स्वशासन और आत्म-सम्मान के साथ जीने के अधिकारों के लिए अपने दीर्घकालिक समर्थन को दोहराती है।
इसको लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने का आरोप लगाया था।
भाजपा के आरोप के बारे में पूछे जाने पर गोगोई ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अफसोस की बात है कि ये लोग कांग्रेस के प्रस्ताव का राजनीतिकरण कर रहे हैं। हम सब यही चाहते हैं कि भारत के नागरिक चाहे इजराइल में हों या गाजा में हों, वो सभी सुरक्षित रहें, सब वापस आएं।’’
उन्होंने दावा किया कि टिकट बंटवारे के बाद भाजपा में सामने आ रही आंतरिक गुटबाजी और विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं।
गोगोई ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मैं कैलाश विजयवर्गीय जी को यही बोलूंगा कि वह वाजपेयी का भाषण देख लें, वाजपेयी जी ने जो कहा था, उसका अध्ययन कर लें। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद भाजपा सिर्फ कांग्रेस, कांग्रेस कर रही है। वे अपना इतिहास भूल चूके हैं, वाजपेयी जी के भाषण को भूल चुके हैं।’’
कांग्रेस नेता ने वाजपेयी के जिस भाषण का उल्लेख किया उसमें भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि ‘अरबों की जिस जमीन पर इजराइल कब्जा करके बैठा है, वो जमीन उसको खाली करनी होगी। जो फलस्तीनी हैं, उनके उचित अधिकारों की प्रस्थापना होनी चाहिए. इजराइल के अस्तित्व को सोवियत रूस (तत्कालीन), अमेरिका ने भी स्वीकार किया है, हम भी स्वीकार कर चुके हैं।’
वाजपेयी का यह भाषण 1977 का है और उस वक्त वह जनता पार्टी की सरकार का हिस्सा थे।
गोगोई ने कहा कि फलस्तीन पर प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस कार्य समिति में कोई मतभेद नहीं था।
उन्होंने यह भी कहा कि इजराइल पर हमास के हमले के बाद कांग्रेस की तरफ से आधिकारिक प्रतिक्रिया दी गई थी।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने रविवार को एक बयान में कहा था कि उनकी पार्टी का हमेशा यह मानना रहा है कि फलस्तीन के लोगों की वैध आकांक्षाएं वार्ता के माध्यम से अवश्य ही पूरी की जानी चाहिए, वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी इजराइली चिंताओं का भी समाधान सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
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