G20 Summit: दिल्ली में जलभराव की समस्या से निपने के लिए सरकार कर रही ये उपाय, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

जी 20 सम्मेलन के लिए दिल्ली आने वाले विदेशी प्रतिनिधियों को यहां जलभराव का सामना नहीं करना पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार उनकी आवाजाही वाले मार्गों पर उन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगा रही है, जहां ऐसी समस्या होने की आशंका है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 27 June 2023, 1:18 PM IST
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नयी दिल्ली: जी 20 सम्मेलन के लिए दिल्ली आने वाले विदेशी प्रतिनिधियों को यहां जलभराव का सामना नहीं करना पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार उनकी आवाजाही वाले मार्गों पर उन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगा रही है, जहां ऐसी समस्या होने की आशंका है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, प्रशासन नालों से गाद को हटाने का काम पूरा करने में जोर-शोर से जुटा है, क्योंकि इस बार मानसून निर्धारित समय से दो दिन पहले ही रविवार को दिल्ली पहुंच गया, जिसके चलते वर्षा होने से दिल्लीवासियों को भीषण गर्मी से राहत मिली।

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ लोक निर्माण विभाग ने जलभराव की आशंका वाले कुछ स्थानों की पहचान की है। उनमें से कुछ स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं, जबकि कुछ अन्य स्थानों पर काम चल रहा है। अधिकारियों को जमीनी स्तर पर स्थिति की निगरानी के लिए 24 घंटे फुटेज उपलब्ध होंगे।’’

उन्होंने कहा कि जी 20 सम्मेलन के मद्देनजर विभाग ने उन क्षेत्रों में कड़ी नजर रखने की योजना बनायी है, जहां से प्रतिनिधियों की आवाजाही होगी, ताकि जलभराव के कारण उन्हें कोई असुविधा न हो।

उन्होंने कहा, ‘‘हम उन मार्गों पर सीसीटीवी लगाने की योजना बना रहे हैं, जिनसे इस प्रतिष्ठित सम्मेलन के दौरान प्रतिनिधियों की आवाजाही हो सकती है। उनमें मथुरा रोड और उसके आसपास के क्षेत्र तथा राजघाट के आसपास के इलाके शामिल हैं।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘हम निगरानी के जरिए जलभराव वाले स्थानों पर नजर रख पायेंगे। सीसीटीवी कैमरे लगाकर हम यह देख पायेंगे कि मानूसन के दौरान इन जगहों पर जलभराव हुआ है या नहीं। यदि कुछ होता है तो हम सम्मेलन के मद्देनजर उसे समय से ठीक कर लेंगे।’’

इससे पहले दिन में, दिल्ली के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से बातचीत में कहा, ‘‘ ये जुड़ी हुई समस्याएं है, जो मानसून के दौरान आती हैं, जैसे जलभराव। हमने इस मुद्दे के समाधान के लिए काम किया है।’’

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