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यह इंटरनेशनल कंपनी ग्रेटर नोएडा में करेगी अरबों रुपए का निवेश, पढ़िए मास्टरप्लान वाली खबर

ग्रेटर नोएडा में बहुमुखी विकास की तैयारी हो रही है। अब एक बड़ी और नामी कंपनी अपना मेगाप्लांट लगाने जा रही हैं। पढ़िए डायनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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यह इंटरनेशनल कंपनी ग्रेटर नोएडा में करेगी अरबों रुपए का निवेश, पढ़िए मास्टरप्लान वाली खबर

ग्रेटर नोएडा: दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माता कंपनियों में शुमार फॉक्सकॉन उत्तर प्रदेश में अपनी पहली स्वतंत्र मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की तैयारी में है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, यह फैक्ट्री ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्सप्रेसवे के पास करीब 300 एकड़ जमीन पर स्थापित की जा सकती है। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार यह पहली बार होगा जब फॉक्सकॉन यूपी में अपनी कोई यूनिट सीधे तौर पर लगाएगा।

बताया जा रहा है कि यह प्रस्तावित फैक्ट्री, बेंगलुरु में निर्माणाधीन फॉक्सकॉन यूनिट से भी बड़ी हो सकती है। गौरतलब है कि बेंगलुरु यूनिट को कंपनी की वैश्विक स्तर पर दूसरी सबसे बड़ी फैक्ट्री माना जा रहा है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ग्रेटर नोएडा स्थित यूनिट में कौन-कौन से उत्पाद बनाए जाएंगे, लेकिन राज्य सरकार और फॉक्सकॉन के बीच बातचीत शुरुआती चरण में जारी है।

फॉक्सकॉन न केवल एप्पल के लिए बल्कि माइक्रोसॉफ्ट, सोनी सहित कई वैश्विक तकनीकी कंपनियों के लिए भी उत्पाद तैयार करती है। कंपनी की विशेषज्ञता स्मार्टफोन, टैबलेट, टेलीविजन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण में है।

जमीन और लोकेशन का चयन

जिस इलाके में यह यूनिट प्रस्तावित है, वह वही क्षेत्र है जहां HCL-फॉक्सकॉन ने 50 एकड़ जमीन पर OSAT (Outsourced Semiconductor Assembly and Test) फैसिलिटी के लिए जमीन ली है। हालांकि यह प्रोजेक्ट फिलहाल मंजूरी के इंतजार में है।

एक अन्य सूत्र के मुताबिक भारत सरकार की ओर से फॉक्सकॉन इंडस्ट्रियल पार्क प्रोजेक्ट के तहत 300 एकड़ जमीन की पेशकश की गई थी, जिस पर अब विचार किया जा रहा है। यह इलाका यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के अधीन आता है। जो जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के बीच स्थित है। इस स्ट्रेटेजिक लोकेशन से न केवल लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी मजबूत होगी, बल्कि एक्सपोर्ट के लिए अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की उपलब्धता भी फायदेमंद रहेगी।

नोएडा को क्यों चुना गया?

काउंटरपॉइंट रिसर्च के वाइस प्रेसिडेंट नील शाह ने बताया कि मौजूदा वैश्विक टैरिफ और जियोपॉलिटिकल परिस्थितियों को देखते हुए फॉक्सकॉन भारत को अपने नए मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में देख रहा है। उन्होंने कहा कि नोएडा, चेन्नई की तरह अब एक मजबूत मैन्युफैक्चरिंग हब बन चुका है। यहां पर उत्तम इंफ्रास्ट्रक्चर, कुशल स्थानीय प्रतिभा और मजबूत सप्लाई चेन मौजूद है जो EMS (इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज) प्रदाताओं को आकर्षित करती है। नील शाह के मुताबिक विभिन्न स्थानों पर फैक्ट्रियों की मौजूदगी से फॉक्सकॉन अपने ग्राहकों के ज्यादा करीब रह सकता है, जिससे स्मार्ट डिवाइसेज से लेकर ऑटोमोबाइल तक की मैन्युफैक्चरिंग में लचीलापन बढ़ता है।

भारत में कंपनी का विस्तार

फॉक्सकॉन की पहले से ही तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स कार्यरत हैं। हालांकि आंध्र प्रदेश के श्री सिटी में कंपनी ने अपना ऑपरेशन बंद कर दिया है साइबरमीडिया रिसर्च के इंडस्ट्री रिसर्च ग्रुप वाइस-प्रेसिडेंट प्रभु राम का कहना है कि भारत अब एक मजबूत घरेलू बाजार और उभरता हुआ एक्सपोर्ट हब बन चुका है। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में हो रहे बदलाव भारत को लाभ पहुंचा रहे हैं। फॉक्सकॉन जैसे दिग्गजों का भारत में निवेश बढ़ाना इस ट्रेंड की पुष्टि करता है।

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