Kerala: केरल के आईएएस को भेजा गया पांच दिन की हिरासत में

डीएन ब्यूरो

कोच्चि की एक विशेष अदालत ने केरल सरकार की महत्वाकांक्षी आवास परियोजना ‘लाइफ मिशन’ में विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के उल्लंघन के सिलसिले में राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के पूर्व प्रधान सचिव एम. शिवशंकर को बुधवार को पांच दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया। डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर

फाइल फ़ोटो
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कोच्चि: कोच्चि की एक विशेष अदालत ने केरल सरकार की महत्वाकांक्षी आवास परियोजना ‘लाइफ मिशन’ में विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के उल्लंघन के सिलसिले में राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के पूर्व प्रधान सचिव एम. शिवशंकर को बुधवार को पांच दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया।

प्रवर्तन निदेशालय ने शिवशंकर को मंगलवार रात हिरासत में ले लिया था। ईडी पिछले तीन दिन से पूर्व आईएएस अधिकारी शिवशंकर से पूछताछ कर रही थी। आज उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

यहां की पीएमएलए अदालत ने आज शिवशंकर को 20 फरवरी तक ईडी की हिरासत में भेज दिया और उसी तारीख को उन्हें पेश करने का निर्देश दिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक अदालत के सूत्रों ने कहा कि अदालत ने ईडी को निर्देश दिया कि पूछताछ के दौरान शिवशंकर को आराम का समय दिया जाए और जरूरत पड़ने पर चिकित्सा सहायता भी दी जाए।

उल्लेखनीय है कि 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हुए शिवशंकर को इससे पहले यूएई वाणिज्य दूतावास में राजनयिक सामग्री के साथ सोने की तस्करी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।

‘लाइफ मिशन परियोजना’ का उद्देश्य केरल के त्रिशूर जिले के वडक्कनचेरी में गरीबों के लिए आवास उपलब्ध कराना है।

सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) ने वडक्कनचेरी से तत्कालीन विधायक एवं कांग्रेस नेता अनिल अक्कारा की शिकायत पर 2020 में कोच्चि की एक अदालत में भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी और विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए), 2010 की धारा 35 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें कोच्चि स्थित ‘यूनिटेक बिल्डर’ के प्रबंध निदेशक संतोष एप्पन को पहले आरोपी और ‘साने वेंचर्स’ को दूसरे आरोपी के रूप में सूचीबद्ध किया गया था।

दोनों कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय मानवतावादी संगठन ‘रेड क्रीसेंट’ के साथ किए समझौते के आधार पर निर्माण किया था। ‘रेड क्रीसेंट’ ने ‘लाइफ मिशन’ परियोजना के लिए 20 करोड़ रुपये प्रदान करने सहमति जताई थी। अक्कारा और कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि ‘रेड क्रीसेंट’ द्वारा ठेकेदार के चयन में भ्रष्टाचार हुआ।










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