Former Congress President Rahul Gandhi: अयोध्या में 22 जनवरी का कार्यक्रम राजनीतिक, प्रधानमंत्री और आरएसएस पर केंद्रित

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि अयोध्या में 22 जनवरी के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम को ”राजनीतिक और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं आरएसएस का कार्यक्रम” बना दिया गया है और यही कारण है कि पार्टी के प्रमुख नेताओं ने इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 16 January 2024, 3:40 PM IST
google-preferred

कोहिमा:  कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि अयोध्या में 22 जनवरी के 'प्राण प्रतिष्ठा' कार्यक्रम को ''राजनीतिक और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं आरएसएस का कार्यक्रम'' बना दिया गया है और यही कारण है कि पार्टी के प्रमुख नेताओं ने इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा भी किया कि विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' की स्थिति बहुत अच्छी है और वह इस लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को पराजित करेगा।

अयोध्या में भगवान राम के 'प्राण प्रतिष्ठा' कार्यक्रम से जुड़े सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, 'आरएसएस और भाजपा ने 22 जनवरी के कार्यक्रम को पूरी तरह से राजनीतिक, ''नरेन्द्र मोदी फंक्शन'' बना दिया है। यह आरएसएस और भाजपा का कार्यक्रम बन गया है। यही कारण है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे। '

इसे भी पढ़े : Tata Power DDL टाटा पावर डीडीएल की कंपनियों के पर्यावरण अनुकूल कार्यों को सामने लाने के लिए ‘ग्रीन वारियर्स’ पहल

उन्होंने कहा, ''हम सभी धर्मों के साथ हैं। हिंदू धर्म से जुड़े सबसे प्रमुख लोगों (शांकराचार्य) ने भी अपने विचार प्रकट किए हैं कि यह एक राजनीति कार्यक्रम है। इसलिए हमारे लिए ऐसे किसी कार्यक्रम में जाना बहुत मुश्किल है जिसे प्रधानमंत्री और आरएसएस की इर्द-गिर्द तैयार किया गया है।'

हालांकि राहुल गांधी का कहना था कि कांग्रेस पार्टी का कोई भी व्यक्ति, जो भी दर्शन के लिए जाना चाहता है, वो जा सकता है।

विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस) से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, ''यह विचारधारा की यात्रा है। इंडिया अच्छी तरह चुनाव लड़ेगा और जीतेगा... चुनाव अभियान चलाया जाएगा, उसमें हम सभी भाग लेंगे।''

राहुल गांधी ने इसी से जुड़े एक अन्य सवाल के जवाब में कहा, 'इंडिया गठबंधन की स्थिति बहुत अच्छी है। बातचीत अच्छी तरह हो रही है... मुझे लगता है कि ज्यादातर जगह आसान है। मुझे लगता है कि हम सीट बंटवारे और दूसरी चीजों को जल्द पूरा कर लेंगे।'

राहुल गांधी का कहना था कि 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' का लक्ष्य सामजिक न्याय, राजनीतिक न्याय, आर्थिक न्याय की खातिर उनसे जुड़े मुद्दे उठाने के लिए है।

एक सवाल पर उन्होंने कहा, 'हमने यात्रा मणिपुर से शुरू की क्योंकि यहां त्रासदी हुई है। प्रधानमंत्री ने मणिपुर आना उचित नहीं समझा, यह शर्मनाक है। प्रधानमंत्री ने नगालैंड से जो वादा किया उसे पूरा नहीं किया।'

उन्होंने दावा किया कि नगा समस्या के समाधान के लिए लोगों की बात सुनना और संवाद जरूरी है, लेकिन प्रधानमंत्री ऐसे नहीं कर रहे हैं।

लोकसभा चुनाव से पहले निकाली जा रही यह यात्रा 67 दिन में 15 राज्यों और 110 जिलों से होकर गुजरेगी।

‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान लगभग 6,700 किलोमीटर की दूरी तय की जायेगी। यात्रा ज्यादातर बस से हो रही है लेकिन कहीं-कहीं पदयात्रा भी की जा रही है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सात सितंबर 2022 से 30 जनवरी 2023 तक कन्याकुमारी से कश्मीर तक ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली थी। उनकी 136 दिन की इस पदयात्रा में 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के 76 लोकसभा क्षेत्रों से गुजरते हुए 4,081 किलोमीटर की दूरी तय की गई थी।

 

No related posts found.