Jammu Kashmir: जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से हो रही गोलीबारी रुकी, घर लौटने लगे लोग

डीएन ब्यूरो

जम्मू जिले के अरनिया और आरएस पुरा सेक्टरों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी रेंजर और बीएसएफ जवानों के बीच रुक-रुक कर हो रही गोलीबारी शुक्रवार को तड़के समाप्त हो गई। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

बीएसएफ जवानों ने दिया कड़ा जवाब
बीएसएफ जवानों ने दिया कड़ा जवाब


जम्मू: जम्मू जिले के अरनिया और आरएस पुरा सेक्टरों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी रेंजर और बीएसएफ जवानों के बीच रुक-रुक कर हो रही गोलीबारी शुक्रवार को तड़के समाप्त हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

पाकिस्तानी रेंजर की ओर से, बिना किसी उकसावे के, की गई गोलीबारी के बाद सीमाई इलाकों में रहने वाले कई परिवार देर रात अपना घर छोड़कर चले गए थे जिन्होंने अब घर लौटना शुरू कर दिया है।

अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर पांच भारतीय चौकियों को निशाना बनाकर बृहस्पतिवार रात को सीमा पार से की गई गोलीबारी में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का एक जवान और एक आम नागरिक घायल हो गया। बीएसएफ ने इस गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया।

बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘(सीमा पार से) गोलीबारी रुक गई है। अब शांति है।’’

उन्होंने बताया कि दोनों तरफ से तड़के तीन बजे तक रुक रुक कर गोलीबारी होती रही।

अधिकारी ने कहा कि बृहस्पतिवार रात को गोलीबारी में बीएसएफ के दो जवान और एक महिला घायल हो गई थी, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक जवान को जम्मू में जीएमसी अस्पताल भेजा गया है।

बीएसएफ जवानों की पहचान कर्नाटक के बसवराज एसआर और शेर सिंह के रूप में हुई है। महिला की पहचान अरनिया निवासी रजनी बाला के रूप में हुई।

पाकिस्तान रेंजर ने 82 और 120 एमएम के मोर्टार के गोले दागे और भारी मशीन गन का इस्तेमाल किया, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग डर गए।

अरनिया, त्रेवा, सुचेतगढ़ और जाबोवाल में कई लोग विशेषकर प्रवासी मजदूर बिना किसी उकसावे के गोलीबारी शुरू होने पर बृहस्पतिवार रात सीमावर्ती गांवों को छोड़कर चले गए थे।

कई परिवारों ने सीमा क्षेत्र में बंकरों, मंदिरों और अन्य सुरक्षित क्षेत्रों में शरण ली थी।

सीमावर्ती गांवों के लोगों ने कहा कि उन्होंने कई वर्षों के बाद इतनी तीव्र गोलीबारी और गोलाबारी देखी है। बिहार के एक मजदूर जोगिंदर कुमार ने कहा, ‘‘जब गोलीबारी शुरू हुई तब हमलोग खाना खा रहे थे। हमने खाना छोड़ दिया और अपने परिवार के साथ भागे।’’

गोलाबारी के कारण कुमार ने सीमावर्ती गांव को छोड़कर महिलाओं और बच्चों सहित 51 अन्य लोगों के साथ अरनिया के एक मंदिर में शरण ली थी। उन्होंने कहा कि वे डरे हुए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने इसके (गोलीबारी) बारे में सुना था। अब हमने इसे देख भी लिया है।’’

एक अग्रिम बस्ती में, एक मकान पर मोर्टार का गोला गिरा और वहां रहने वाली एकता देवी ने कहा, ‘‘भगवान की कृपा से हम बच गए। आज सुबह तक बहुत गोलीबारी हुई। खिड़कियों के सभी कांच टूट गए।’’

अन्य ग्रामीण राकेश कुमार ने कई ग्रामीणों के साथ अग्रिम गांव में एक बंकर में शरण ली थी। उन्होंने कहा कि अब वे अपने गांव लौट रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘कई वर्षों बाद इतनी तेज गोलीबारी और गोलाबारी हुई। पिछले दो साल से शांति थी। पाकिस्तान पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता है।’’

सोशल मीडिया पर कई वीडियो प्रसारित हो रहे हैं जिसमें गोलीबारी शुरू होने पर लोग अपने अपने घरों से निकलकर भागते दिख रहे हैं।

गोलीबारी शुरू होने पर अरनिया में एक विवाह समारोह से कई लोग भागते दिखे।

दुल्हन के एक रिश्तेदार कुलदीप ने कहा कि हमने शादी जारी रखी। लेकिन गोलीबारी शुरू होने पर कई लोग वहां से चले गए।

अक्टूबर में यह दूसरा संघर्ष विराम उल्लंघन है। 19 अक्टूबर को अरनिया सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास विक्रम चौकी पर पाकिस्तान रेंजर द्वारा की गई गोलीबारी में बीएसएफ के दो जवान घायल हो गए थे।

भारत और पाकिस्तान ने 25 फरवरी, 2021 को एक युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें दोनों देश जम्मू-कश्मीर और अन्य क्षेत्रों में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर युद्धविराम को लेकर सभी समझौतों का सख्ती से पालन करने के लिए सहमत हुए थे।










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